जयपुर। गौरतलब है कि 23 मार्च से ही लॉक डाउन के चलते पश्चिम बंगाल में जूट बैग निर्माण करने वाली इकाइयां बंद है और इसके कारण देश में खाद्यान्न पैकिंग के लिए आवश्यक जूट बैग की कमी हो गई है। हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए इस्तेमाल की गई बोरियों को काम में लिया जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से प्लास्टिक बैग में भी खाद्यान्न पैकिंग को मंजूरी दे दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जूट बोरियों की कमी के कारण में सरकारी खरीद प्रभावित हो रही है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश इस समय जूट की बोरियों की भारी कमी झेल रहे हैं। इन राज्यों में चावल व आटा मिलों के पास मौजूद इस्तेमाल की गई बोरियों का जायजा लेने का निर्देश दिया गया है। केंद्र ने बी श्रेणी की जूट की बोरियों के इस्तेमाल की भी मंजूरी दे दी है जो कि वर्तमान में गेहूं की खरीद के लिए इस्तेमाल की जा रही है। पंजाब द्वारा पश्चिम बंगाल की जूट मिलों को 3.4 लाख बोरियों का आर्डर दिया गया था जोकि लॉक डाउन के चलते पूरा नहीं हो पाया। गौरतलब है कि कई राज्यों में गेहूं, सरसों व अन्य खाद्यान्नों की खरीद शुरू हो चुकी है और ऐसे में जूट की बोरियों की आवश्यकता बढ़ेगी। हालांकि प्लास्टिक की बोरियों में पैकिंग की मंजूरी से आने वाले दिनों में यह समस्या हल हो सकती है।
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Thursday, April 30, 2020
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जूट बैग की कमी के चलते खाद्यान्न पैकिंग प्रभावित, प्लास्टिक बैग में खाद्यान्न पैकिंग को मंजूरी
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