प्रेस विज्ञप्ति
दिल्ली, पाठ्यक्रमों के अध्यापन कार्यक्रम में गतिरोध न्यूनतम करने के लिए उत्तर भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी युनिवर्सिटीज़ में से एक शारदा युनिवर्सिटी सभी पाठ्यक्रमों की निरंतर ऑनलाइन कक्षाएं चला रही है। कोविड 19 प्रकोप को देखते हुए लागू लॉकडाउन के चलते शारदा युनिवर्सिटी ने यह पहल की है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विद्यार्थियों के अकादमिक हितों से समझौता न हो और अध्ययन अध्यापन की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे।
इस युनिवर्सिटी ने एक आपात योजना लागू की है जिसमें अध्यापक और कर्मचारी टेक्नोलॉजी टूल्स और जूम, बिग ब्लू बटन, गूगल क्लासरूम जैसे सॉल्यूशंस के जरिये डिजिटल ऑनलाइन लर्निंग की ओर एक निर्बाध परिवर्तन सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस युनिवर्सिटी द्वारा अपनाया गया आईक्लाउड एलएमएस सॉफ्टवेयर क्लाउड आधारित अत्यधिक उन्नत सॉफ्टवेयर है। वहीं कोर्सेरा और स्वयं ऐसी प्रौद्योगिकियां है जिनका उपयोग स्कूल ऑफ डिजाइन के विद्यार्थियों द्वारा नियोजन और दिए गए कार्यों को पूरा करने में किया जा रहा है। अध्यापक और विद्यार्थी चाहे जहां भी हों, इस सॉफ्टवेयर तक उनकी पहुंच है, लेकिन सुदूर इलाकों में मौजूद ऐसे विद्यार्थियों के लिए जिनके पास हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा नहीं है, अध्यापक उनकी मदद ईमेल, व्हाट्सऐप के जरिये या फिर उन्हें ऑडियो लेक्चर उपलब्ध कराके कर रहे हैं। अध्यापक उन्हें क्लास नोट्स और समाधान के साथ असाइनमेंट भी उपलब्ध करा रहे हैं। विद्यार्थी और अध्यापक कहीं से भी लाइब्रेरी की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं क्योंकि युनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में कहीं से भी लॉग इन करने की सुविधा उपलब्ध है।
शारदा युनिवर्सिटी के प्रो चांसलर श्री वाईके गुप्ता ने कहा, ऑनलाइन लर्निंग में भारी संभावनाए हैं और भले ही दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में इस पर ज़ोर दिया जा रहा है, अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस टूल का प्रभावी ढंग से उपयोग करें। हमारा लक्ष्य एक सख्त शिड्यूल की व्यवस्था करने का है ताकि विद्यार्थी उसके मुताबिक अपने पाठ्यक्रम और परियोजनाएं पूरी कर सकें। हम प्रवेश प्रक्रिया भी ऑनलाइन काउंसलरों के जरिये पूर्ण कराने पर ध्यान दे रहे हैं ताकि कोविड 19 संकट की वजह से एक बेहतर भविष्य की आकांक्षा रखने वाला कोई भी विद्यार्थी पीछे न छूटे।
इस युनिवर्सिटी के कैंपस में कई अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी ठहरे हैं क्योंकि इस परिस्थिति में छात्रावास छोड़कर अपने घरों को जाना उनके लिए संभव नहीं था। इस युनिवर्सिटी ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं और युनिवर्सिटी के छात्रावासों में रह रहे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सावधानियां बरती हैं और आपात उपाय किए हैं।
सामाजिक दूरी बनाए रखने के सरकारी नियमों को पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए इन विद्यार्थियों और कर्मचारियों को शिक्षित किया जा रहा है। प्रत्येक विद्यार्थी को एक एकल कमरा दिया गया है और छात्रावास समेत पूरे परिसर को यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक नियमित तौर पर सैनिटाइज किया जा रहा है। इन छात्रावासों में विद्यार्थियों को वाईफाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जिससे वे लाइब्रेरी के संसाधनों तक पहुंचने की सहूलियत मिल सके और साथ ही वे अपने परिवार और मित्रों के संपर्क में बने रह सकें।
इस युनिवर्सिटी के अधिकारियों द्वारा उठाए जा रहे स्वास्थ्य से जुड़े ऐतिहाती कदमों पर ज़ोर देते हुए श्री गुप्ता ने कहा, पूर्ण रूप से चालू मेस, छात्रावास में सभी विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्यपूर्ण और साफ सफाई से पकाए जा रहे भोजन के साथ हम यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी व्यक्ति कैंपस से बाहर न जाय और उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हम सभी ऐतिहाती कदम उठा रहे हैं। ये छात्रावास सभी आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा सुविधाओं से परिपूर्ण है। हम विद्यार्थियों को नियमित तौर पर सूचना आदि भी उपलब्ध करा रहे हैं जिससे वे जागरूक बने रहें।
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