जयपुर। प्रदेश की राज्य सरकार ने कृषि मंडियों में आने वाली उपज पर प्रति ₹100 पर ₹2 की अतिरिक्त किसान कल्याण फीस लगाई है और इसके विरोध में प्रदेश के सभी अनाज मंडिया बंद है। ताजा समाचार जोधपुर से आए हैं जहां से पता चला है कि वहां आने वाला जीरा और ईसब गुजरात के ऊंझा मंडी में जाने लगा है। वहां यकायक जीरा और ईसब की आवाक काफी बढ़ गई है। इससे ना सिर्फ राज्य सरकार को राजस्व की बड़ी हानि होगी बल्कि प्रदेश का मंडी कारोबार खराब हो रहा है।
लॉकडाउन के दौर में सरकार का यह निर्णय खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में रुकावट करने वाला साबित हो रहा है। जोधपुर की जीरा मंडी किसान कल्याण कोष के विरोध के चलते बंद है और इस कारण बड़ी मात्रा में जीरा और ईसब ऊंझा बिकने जा रहा है। ऊंझा मंडी में जीरा की आवक बढ़कर 35000 बोरी प्रतिदिन तक पहुंच गई है जो कि गत वर्ष की समान अवधि में करीब 14000 बोरी थी वही ईसब की आवक भी वहां 8 मई को गत वर्ष की समान अवधि में 14000 बोरी के मुकाबले 19500 बोरी दर्ज की गई है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश से बड़ी मात्रा में जीरा व ईसब ऊंझा मंडी में बिकने के लिए जा रहा है।
कोटा के प्रमुख मंडी कारोबारी और व्यापार दूत ट्रेड लिंक के प्रमुख मुकेश भाटिया ने बताया कि प्रदेश धनिया बड़ी मात्रा में गुजरात और मध्य प्रदेश जाकर बिकने लगा है। कमोडिटी कारोबार में 2% बहुत ज्यादा होता है। पड़ता नहीं लगने से जहां कारोबारी अन्य राज्यों से डील करेगा। वहीं किसान भी अन्य राज्यों में अपने माल को ले जाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि मंडिया बंद होने से प्रदेश के बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं जो कि लॉकडाउन की कठिन परिस्थितियों में बहुत ज्यादा नकारात्मक है।
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