लॉकडाउन काल में खाद्यान्नों की आपूर्ति बाधित हुई तो होगी भयावह स्थिति
जयपुर। गौरतलब है कि राजस्थान कृषि मंडी उपज अधिनियम 1961 की धारा 17 क के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने मंडी क्षेत्र में लाई गई उपज पर प्रति ₹100 पर ₹2 किसान कल्याण फीस की दर निर्धारित की है। इस कदम को मंडी व्यापारियों ने मंडी कारोबार के लिए अनुचित माना है। वहीं विरोध स्वरूप प्रदेश की कई मंडियों में व्यापारी हड़ताल के लिए लामबंद हो रहे हैं। राजधानी कृषि मंडी, बारां मंडी, नागौर मंडी के अलावा खाद्य पदार्थ एसोसिएशन की ओर से विरोध स्वरूप हड़ताल किए जाने के समाचार आ रहे हैं। गौरतलब है कि मंडियों में सरकार के निवेदन के बाद कोरोनावायरस के संक्रमण के जोखिम को दरकिनार करते हुए मंडी व्यापारी प्रदेश में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए और किसानों का माल खरीदने के लिए मंडियों में आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में अगर मंडियों में हड़ताल हुई तो प्रदेश में खाद्यान्न व अन्य खाद्य पदार्थों की आपूर्ति गड़बड़ा सकती है। लॉकडाउन को देखते हुए सरकार का यह कदम अव्यवहारिक लग रहा है।
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