नई दिल्ली। मेंथा ऑयल में उत्पादन की बेहतर स्थिति के साथ विदेशों से प्राप्त हो रही कमजोर मांग के चलते आगे भी इसके भाव दवे रहने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
2019-20 सीजन (जून-मई) में मेंथा ऑयल के उत्पादन में अच्छी बढ़त दर्ज की गई है। बाजार जानकारों के मुताबिक वर्ष 2019-20 में लगभग 48,000-50,000 टन मेंथा ऑयल का उत्पादन हुआ है। वहीं वर्ष 2020-21 में भी मेंथा की बुआई बढ़ने का अनुमान है।
गौरतलब है कि देश में मेंथा ऑयल के कुल उत्पादन का लगभग 75 फीसदी निर्यात किया जाता है। इसलिए घरेलू मांग के मुकाबले विदेशी मांग कीमत तय करने में अहम भूमिका निभाती है। वर्तमान में, विदेशी मांग कमजोर है और आने वाले दिनों में भी इसकी मांग विदेशों में बढ़ने की संभावना कम ही है।
उल्लेखनीय है कि मेंथा ऑयल का इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा ऑयल उत्पादक और निर्यातक है। मेंथा ऑयल की सबसे ज्यादा पैदावार उत्तर प्रदेश में होती है। देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है।
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