जयपुर। हल्दी वायदा जून की कीमतों को 5150 रुपए समर्थन मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि हल्दी वायदा कीमतों में काफी गिरावट आई है और इस स्तर पर बिकवाली नहीं बनती बल्कि यह कीमतें स्टॉकिस्टों को आकर्षित कर रही है। हल्दी प्रसंस्करण से जुड़ी और हल्दी से मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने वाली करीब 60% इकाइयों ने निर्माण कार्यों की शुरुआत कर दी है। हल्दी की प्रमुख मंडी इरोड में कारोबार सामान्य होने की स्थिति में है। अधिकतर कारोबारियों ने मंडियों में आना शुरू कर दिया है और स्थिति में तेज गति से सुधार आ रहा है। ऐसे में संभावना है कि जल्द ही हल्दी में अच्छी मांग आएगी। जीरा वायदा जून को ₹13600 पर रेजिस्टेंस मिल रहा है। ऐसे में इनकी कीमतें ₹13000 तक लुढ़क सकती हैं। ऐसी खबरें हैं कि ऊंझा में कृषि उपज मंडी समिति 1 सप्ताह में फिर से जीरा की नीलामी शुरू कर सकती है। गौरतलब है कि भारत में जिला उत्पादन का सबसे बड़ा राज्य गुजरात में मार्च से मई के बीच जीरा मार्केटिंग होती है। लेकिन इस वर्ष मानसून की देरी से लौटने पर फसल भी 2 सप्ताह लेट आई है।
मार्च माह में कोरोनावायरस के चलते जीरा की संपूर्ण मार्केटिंग नहीं हो पाई और निर्यात ऑर्डर भी काफी कमजोर रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि नीलामी फिर से शुरू होने के बाद निर्यात मांग कमजोर होने से जीरा की कीमतों में बिकवाली का दौर देखा जाए। धनिया वायदा की कीमतों में 5500 से 5600 रुपए तक की गिरावट देखी जा सकती है। गौरतलब है कि देश भर में मौजूद मसाला उद्योगों में मजदूरों की कमी के कारण निर्माण कार्य बाधित हुआ है। वहीं ऋण की अदायगी के लिए किसान धनिया को बेचने के लिए आतुर हैं और मांग भी खुलकर नहीं आ रही है। हालांकि लॉक डाउन 4 में स्थिति सामान्य होने की गुंजाइश बन रही है और हल्की सी मांग बाजार में लौटने की उम्मीद भी है। इससे धनिया वायदा में एक रेंज में कारोबार होता हुआ दिख रहा है।
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