नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र/चक्रवात चेतावनी प्रभाग के अनुसार (शाम की रिपोर्ट और अनुमान):
दक्षिण तटीय ओमान और निकटवर्ती यमन के आसमान में बना डिप्रेशन बीते छह घंटों के दौरान 05 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ गया और आज 30 मई 2020 को 1730 बजे 17.0 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 53.9 डिग्री पूर्वी देशांतर, सलाला (ओमान) से 20 किमी पश्चिम और अल-गायद (यमन) से 200 किमी पूर्व-उत्तपूर्व में स्थित है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान तीव्र होकर डीप डिप्रेशन में तब्दील होने की संभावना है। यह दक्षिण ओमान और यमन के तटों के समानांतर धीर-धीरे पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ सकता है।
2- अगले 36 घंटे के दौरान दक्षिणपूर्व और निकटवर्ती पूर्व मध्य अरब सागर में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और आगे 48 घंटों के दौरान पूर्व मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर डिप्रेशन में बदल सकता है और आगे ज्यादा तीव्र होने के आसार हैं। अगले 4-5 दिनों में इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में गुजरात और निकटवर्ती उत्तरी महाराष्ट्र के तटों की ओर बढ़ने की पूरी संभावना है।
चेतावनी:
(1) वर्षा:
पहली प्रणाली के साथ भारतीय भूभाग में किसी तरह के प्रतिकूल मौसम की संभावना नहीं है क्योंकि यह दक्षिण तटीय ओमान में स्थित है और अगले 48 घंटों के दौरान ओमान और यमन के ऊपर जाकर विघटित होने की संभावना है।
(2) वायु चेतावनी:
अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम मध्य अरब सागर के साथ-साथ दक्षिण ओमान-यमन के तटों पर 44-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं आगे 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं।
(3) समुद्र की स्थिति
अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम मध्य अरब सागर के साथ-साथ और दक्षिण ओमान-यमन के तटों पर समुद्र की स्थिति बेहद अशांत हो सकती है।
(4) मछुआरों को चेतावनी:
मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण मध्य अरब सागर के साथ-साथ दक्षिण ओमान-यमन के तटों पर न जाएं। दक्षिण पूर्व और निकटवर्ती पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर दूसरा कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना को देखते हुए मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 31 मई से अगला निर्देश मिलने तक दक्षिण पूर्व और उससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर में मछली पकड़ने न जाएं।
इस बीच, अगले 24 घंटे के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों, मालदीव कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी की तरफ दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। 1 जून 2020 के आसपास केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहुंचने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं।
No comments:
Post a Comment