कोच्चि। कालीमिर्च के किसान और कारोबारी श्रीलंका के रास्ते अवैध आयात से परेशान हैं। उन्होंने मसाला बोर्ड के जरिए सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की है।
अवैध आयात की वजह से कलीमिर्च की खेती करने वाले किसानों को 30 फीसदी तक कम भाव मिल रहे हैं। कारोबारियों पर भी इसकी मार पड़ रही है। यही वजह है कि किसानों और स्थानीय कारोबारियों ने न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए श्रीलंका से कालीमिर्च का अवैध आयात रोकने के लिए मसाला बोर्ड से संपर्क किया है।
मसाला उद्योग के मुताबिक मई में दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) के तहत घरेलू बाजार के लिए अनुबंधित कालीमिर्च का आयात 167 टन होना था। लेकिन, इस अवधि में कुल आयात 1,521 टन रहा। जनवरी से लेकर मई तक कालीमिर्च का कुल आयात 8,200 टन के स्तर पर पहुंच गया। इसमें से महज 345 टन घरेलू उपभोग के लिए खरीदी गई। शेष 2,600 टन पुनः निर्यात के लिए और 5,250 टन का आयात अन्य खरीदारों ने किया। इस कारण के चलते घरेलू काली मिर्च का कारोबार बर्बाद हो रहा है।
No comments:
Post a Comment