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Sunday, July 26, 2020

खाद्य तेलों के निर्यात में वर्ष 2019-20 में हुई अच्छी ग्रोथ, तिलहन क्षेत्र के लिए बढ़िया संकेत






India's Oilseed exports rise in 2019-20

जयपुर। वर्ष 2019-20 के दौरान विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों व तिलहन की अच्छी मांग दर्ज की गई। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा वर्तमान में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में करीब 955 करोड रुपए के खाद्य तेल व तिलहन का निर्यात हुआ है जोकि गत वर्ष के मुकाबले 320 करोड़ रुपए अधिक है। देश से भूटान और कनाडा प्रमुख ग्राहक रहे हैं जिन्होंने भारत से क्रमशः5708 टन और 2193 टन सोयाबीन ऑयल खरीदा।  एसईए के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में देश से 86.33 करोड़ रुपए के 9822 टन सोयाबीन ऑयल निर्यात हुआ। जबकि 2018-19 में 38 करोड़ रुपए मूल्य के 4246 टन सोया ऑयल का निर्यात हुआ था। इस आधार पर कहा जा सकता है की 1 वर्ष की अवधि में सोयाबीन ऑयल के निर्यात में 100% की वृद्धि दर्ज की गई है। विदेशी बाजारों के ग्राहकों को 46.97 करोड़ रुपए मूल्य के 3681टन मूंगफली तेल का 5 किलो केे पैकेट में निर्यात देश से किया गया। इस निर्यात में प्रमुख भागीदारी यूएई की है जहां 963 टन और अमेरिका में, जहां 445 टन मूंगफली तेल का निर्यात किया गया। वहीं देश से तिल तेल और नारियल तेल के निर्यात में भी बढ़त दर्ज की और देश से 5618 टन तिल तेल और 7870 टन नारियल तेल का निर्यात दर्ज किया गया। वर्ष दर वर्ष इन दोनों कमोडिटी की ग्रोथ क्रमशः 12% और 15% रही। 
       यह समाचार तिलहन की खेती करने वाले किसानों के लिए बहुत ज्यादा सकारात्मक है क्योंकि इससे आने वाले दिनों में तिलहन की कीमतों में बढ़त दर्ज की जाएगी और किसान तिलहन के प्रति अधिक से अधिक आकर्षित होंगे। एसईए के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में देश से  127 करोड रुपए मूल्य का 12521 टन राइस ब्रान ऑयल और कुछ मात्रा में महुआ और मैंगो करनेल अॉयल  का निर्यात हुआ जबकि गत वर्ष देश से 12807 टन राइस ब्रान ऑयल का निर्यात हुआ था। राइस ब्रान ऑयल खरीदने वाले प्रमुख ग्राहक देशों में अमेरिका, जापान, मलेशिया और थाईलैंड शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में राइस ब्रान ऑयल को बल्क में निर्यात करने की छूट प्रदान की गई थी और इससे इस सेक्टर में बढ़त हुई है। 

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