
जयपुर। सोयाबीन वायदा जुलाई की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3720 रुपए के दायरे में रह सकती है। मोजूदा खरीफ सीजन में बेहतर मानसून के कारण घरेलू बाजारों में सोयाबीन बुवाई में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है जिसके चलते इसकी कीमतों में नरमी का रुझान है। पिछले साल की तुलना में मध्यप्रदेश में सोयाबीन बुवाई का रकबा 8.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 42.2 लाख हेक्टेयर हो गया है। जबकि महाराष्ट्र में पिछले साल की समान अवधि में 1लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। सोयाबीन की कुल बुवाई का क्षेत्रफल 225% बढ़कर 109 लाख हेक्टेयर हो चुका है। इस बीच अमेरिका में गरम व सूखे जलवायु की बढ़ोतरी के चलते सोयाबीन की फसल को नुकसान होने के कारण वहां सोयाबीन वायदा में 4 सेंट की तेजी देखी गई है। कारोबारियों की नजर अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा जारी वैश्विक मांग व आपूर्ति के आंकड़ों पर रहेगी। सरसों वायदा जुलाई की कीमतों को 4650 रुपए पर समर्थन मिलने की संभावना है। घरेलू बाजारों में सरसों की मांग अच्छी बनी हुई है वहीं आयात कम होने और उत्पादन कम होने के चलते सरसों की कीमतों को बल मिल रहा है। सोया तेल की कीमतें ₹815 तक गिर सकती हैं। जबकि सीपीओ वायदा 660 से ₹680 के बीच साइडवेज कारोबार कर सकता है। जानकारों के मुताबिक जून में मलेशिया में पाम तेल के भंडार बढे हैं। जो कि मई में 5% कम हो गया था क्योंकि कोरोनावायरस के चलते मांग में कमी आ गई थी। भारत चीन और यूरोपीय संघ ने लंबे लॉकडाउन के बाद फिर से स्टॉक की भरपाई करना शुरू कर दी है इससे आगे कीमतों को बल मिलेगा और ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं है।

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