रायपुर। छत्तीसगढ़ का पोहा उद्योग इस समय गहरे संकट से गुजर रहा है, जिससे धान की कीमतों पर भी असर पड़ रहा है। ज्ञात हो कि लगभग 2 लाख टन पोहा के वार्षिक उत्पादन के साथ छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा पोहा उत्पादक राज्य है। छत्तीसगढ़ में पोहा के कुल राष्ट्रीय उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत पोहा उत्पादित होता है। नतीजतन, महामाया धान की कीमत 1500/1700 प्रति क्विंटल से रु 200 घटकर 1300/1500 प्रति क्विंटल तक आ गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि भाटापारा कृषि उपज मंडी में इस धान की 80 प्रतिशत मात्रा पोहा मिलों द्वारा खरीदी जाती है। एक खास बात कि सावन के महीने में बिहार और झारखंड के लाखों कावड़िये बैद्यनाथ धाम जाते हैं और उस समय पोहा की जबरदस्त मांग होती है। लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ के मिलर्स को बिहार झारखंड से पोहा के न्यूनतम आदेश मिले हैं, जो कोरोना वायरस के कारण बंद या सीमित धार्मिक आयोजनों के कारण हुए हैं।
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Monday, August 3, 2020

पोहा की कमजोर मांग के कारण छत्तीसगढ़ के महामाया धान की कीमतों में गिरावट
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