जयपुर। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएआई) ने कच्चे खाद्य तेलों की परिभाषा को शामिल करने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) पांचवें संशोधन विनियम, 2021 को अधिसूचित किया है।
अधिसूचित विनियमों के अनुसार, 'कच्चे खाद्य तेलÓ यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा प्राप्त किए जाते हैं, जैसे कि निष्कासन और दबाव, उष्मा के आवेदन के साथ या बिना । निकाले गए/दबाए गए तेल को पानी से धोकर, जमने, छानने और सेंट्रीफ्यूज करके शुद्ध किया जा सकता है। किसी भी प्रसंस्करण सहायता का उपयोग नहीं किया जाएगा। ऐसे तेल मानव उपभोग के लिए उपयुक्त हैं और वे विनियम 2.2.1 (16) के तहत निर्धारित मानकों को छोड़कर विशिष्ट वनस्पति तेल के लिए निर्धारित उप-विनियम 2.2.1 के तहत उल्लिखित प्रावधानों के अनुरूप होंगे।
इसके अलावा, विनियमों ने नारियल तेल का अपवर्तनांक '1.4480-1.4500Ó निर्धारित किया गया है।
खाद्य व्यवसाय संचालकों को 1 जून, 2022 तक इन विनियमों के सभी प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा गया है।
इस बीच, 'जैम, फ्रूट जेली और मुरब्बाÓ से संबंधित अधिसूचित विनियमों में कहा गया है कि जैम के मामले में कुल घुलनशील ठोस सामग्री, द्रव्यमान सामग्री द्वारा 65 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिये और जेली व मुरब्बा के मामले में द्रव्यमान सामग्री द्वारा कुल घुलनशील ठोस सामग्री 60 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।
कम चीनी उत्पाद के रूप में कहे जाने के लिए, जैम, जेली और मुरब्बा में टीएसएस की मात्रा 45 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा, विनियम (डीहाईड्रेट)निर्जलित सब्जियों के लिए मानक भी निर्धारित करते हैं। नियमों का कहना है कि सभी निर्जलित सब्जियों के लिए नमी की मात्रा 8 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए और नकारात्मक पेरोक्साइड परीक्षण के साथ 0.5 फीसदी से अधिक एसिड अघुलनशील राख नहीं होनी चाहिए।
इसी तरह सभी सब्जियों के पाउडर में नमी 5 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए, 0.5 फीसदी से अधिक एसिड अघुलनशील राख और नकारात्मक पेरोक्साइड परीक्षण नहीं होना चाहिए।
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