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Friday, November 10, 2023

'100 से ज्यादा म्युचुअल फंडों के निवेश' शीर्षक वाली भास्कर की खबर में है गलत तथ्य

 



Danik Bhaskar



10 नवंबर 2022 का दैनिक भास्कर का बिजनेस भास्कर पेज, 'फंडों के निवेश वाले चार शेयर बने मल्टीबैगर' शीर्षक से प्रकाशित खबर को देखने पर यह आभास होता है कि लिखने वाले ने यह रिसर्च बताने की कोशिश की है कि जितने ज्यादा म्युचुअल फंड किसी शेयर में निवेश करते हैं तो उस शेयर का रिटर्न अच्छा होता है। समाचार में दी गई सारणी में कुछ शेयरों के नाम, 1 साल का रिटर्न और निवेशित म्युचुअल फंड की संख्या दी गई है। 

    मैं भी नियमित रूप से स्टॉक मार्केट में रिसर्च करता हूं। जब मेरी नज़र टाटा मोटर्स के आंकड़ों पर गई, तो मुझे कुछ अटपटा लगा। मैं भी इसकी शेयर होल्डिंग ट्रैक करता हूं। मेरी जानकारी में था कि 40 से 45 के बीच म्युचुअल फंडों का टाटा मोटर्स में निवेश है। लेकिन उक्त समाचार में यह संख्या 275 बताई गई ‌है। 

    फिर मैंने इस समाचार को ध्यान से पढ़ा और विचार किया कि इस किस तरीके से बेहतर रिसर्च रिपोर्ट के रूप में लिखा जा सकता था ?

   इस रिपोर्ट में 1 वर्ष के रिटर्न का हवाला दिया गया है तो इसमें यह आंकड़े प्रस्तुत किए जाने चाहिए थे कि 1 वर्ष पूर्व तथाकथित शेयर में कितने म्युचुअल फंड की कितनी हिस्सेदारी थी। 

     इसके अलावा आंकड़े भी सही होने चाहिए। उदाहरण के लिए मैं टाटा मोटर्स के आंकड़े प्रस्तुत कर रहा हूं। इन आंकड़ों को कंपनी की शेयर होल्डिंग में देखा जा सकता है। नियमों के अनुसार लिस्टेड कंपनी को हर 3 महीने में अपनी शेयर होल्डिंग का पूरा ब्यौरा स्टॉक मार्केट को देना आवश्यक है। शेयर होल्डिंग को मुख्य रूप से दो श्रेणियों प्रमोटर और पब्लिक में विभाजित किया गया है। पब्लिक शेयर होल्डिंग की उप श्रेणी 'घरेलू संस्थाएं' में म्युचुअल फंड्स, अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, प्रोविडेंट फंड/पेंशन फंड, सोवरेन वेल्थ फंड, आरबीआई से रजिस्टर्ड एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थाएं का अलग से आंकड़ा दिया हुआ है। 

    टाटा मोटर्स के हालिया आंकड़ों के अनुसार कंपनी में 44 म्युचुअल फंड्स की 9.82 फीसदी हिस्सेदारी है और उनके पास कंपनी के कुल 32,62,50,475 शेयर हैं। म्युचुअल फंड की स्कीम एसबीआई निफ्टी 50 ईटीएफ और एक्सिस ब्लूचिप फंड वह प्रमुख म्युचुअल फंड स्कीम है जिनका टाटा मोटर्स में निवेश है। एसबीआई निफ्टी 50 ईटीएफ की टाटा मोटर्स में 2.49 फीसदी और एक्सिस ब्लूचिप फंड के पास टाटा मोटर्स की 1.22 फीसदी हिस्सेदारी है। 'घरेलू संस्थाएं' श्रेणी में म्युचुअल फंड्स, अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, प्रोविडेंट फंड/पेंशन फंड, सोवरेन वेल्थ फंड, आरबीआई से रजिस्टर्ड एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थाएं का आंकड़ा देखें तो पाएंगे कि कुल 168 घरेलू संस्थाओं की टाटा मोटर्स में 17.45 फीसदी हिस्सेदारी है और उनके पास कंपनी के कुल 57,99,06,856 शेयर हैं। 

    भास्कर की खबर में टाटा मोटर्स का 1 साल का रिटर्न 

57.33 फीसदी बताया गया है। इकोनामिक टाइम्स की वेबसाइट के अनुसार टाटा मोटर्स में 1 साल का रिटर्न 49.91 फीसदी दर्शाया गया है। यहां पर भी तथ्यों में गलती हो सकती है। 

   इसी प्रकार आरईसी लिमिटेड में 32 म्युचुअल फंडों, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 33 म्युचुअल फंडों, अरबिंदो फार्मा में 23 म्युचुअल फंडों, जोमैटो लिमिटेड में 

 28 म्युचुअल फंडों, पॉलिकैब लिमिटेड में 26 म्युचुअल फंडों और चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट में 31 म्युचुअल फंडों ने निवेश किया है। 

    जबकि भास्कर की खबर के अनुसार आरईसी लिमिटेड में 157 म्युचुअल फंडों, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 175 म्युचुअल फंडों, अरबिंदो फार्मा में 129 म्युचुअल फंडों, जोमैटो लिमिटेड में 

 139 म्युचुअल फंडों, पॉलिकैब लिमिटेड में 182 म्युचुअल फंडों और चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट में 205 म्युचुअल फंडों ने निवेश किया है। 

    यहां पर अंतर काफी ज्यादा लग रहा है। यह सब आंकड़े पब्लिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। कुछ भी छुपा हुआ नहीं है। फिर भास्कर से यह गलती क्यों हुई? समाचारों की दुनिया में एक बात कही जाती है की मात्रा की गलती या टाइप की गलती क्षम्य है लेकिन तथ्यों की कमी या गलती क्षम्य नहीं है। क्योंकि इससे किसी को नुकसान हो सकता है और लिखने वाले की साख भी प्रभावित होती है। 

   यहां पर स्रोत में एनएसई का हवाला दिया गया है। लेकिन आंकड़ों में गलती स्पष्ट दिखती है। 

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