उदयपुर। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने कौशल विकास और भारत में इसकी जरूरत के बारे में चर्चा करने के लिए उदयपुर में एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में यूनिवर्सिटी के कर्नल रवि गोसाई ने बताया कि कैसे कौशल-आधारित पाठ्यक्रम युवाओं को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित होने और कैरियर के उपयुक्त विकल्प खोजने में मदद कर सकते हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य राजस्थान में रोजगार और कौशल से संबंधित मुद्दों का सामना करने वाले लोगों पर फोकस था। भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) अन्य राज्यों में भी कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने में मदद कर रही है। बीएसडीयू युवाओं को कौशल शिक्षा, प्रशिक्षण देने के साथ विभिन्न मैन्युफेक्चिरंग क्षेत्रों में रोजगार पाने में मदद कर रही है।
प्रोवोस्ट, बीएसडीयू कर्नल रवि गोसाईं ने इस सम्मेलन में कहा, ‘हर संस्थान में प्रशिक्षित कर्मचारी की मांग है। आज की दुनिया कुछ पेशेवर कैरियर विकल्पों के इर्द-गिर्द घूम रही है, जो प्रबंधन की तुलना में प्रकृति से कार्यात्मक हैं, जैसे प्रबंधन, प्रशासनिक, लेखा, तकनीकी आदि। ऐसे कार्यात्मक क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण कभी भी पूर्वनिर्धारित नहीं होता है। हमने बीएसडीयू में प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाए हैं जो छात्रों को हर तरह की मशीन लर्निंग और फंक्शन लर्निंग से गुजरने में सक्षम बनाते हैं। बी.वोक और एम. वोक जैसी कौशल की डिग्री भविष्य की डिग्री हैं क्योंकि ये सामान्य शिक्षा सामग्री के अलावा उनके द्वारा चुने गए कौशल क्षेत्रों में मजबूत कौशल ज्ञान और अनुभव रखने वाले स्नातक को जन्म देती है। उनकी रोजगार क्षमता बेरोजगारी दर को कम करने में सहायक होगी।’
कर्नल रवि गोसाईं ने आगे कहा, ‘हम आज के युवाओं में व्याप्त कौशल अंतर को मिटाने के लिए राज्य सरकार को अपने स्विस-ड्यूल-एजुकेशन-सिस्टम’ के साथ सर्वोत्तम सलाह और समर्थन प्रदान करना चाहते हैं। हमने हाल ही में राजस्थान सरकार के लिए अपने सहयोग को बढ़ाया है।’
व्हीबॉक्स की इंडिया स्किल रिपोर्ट 2019 के अनुसार, भारत में समग्र रोजगार 47.38 फीसदी है और भारतीय कार्यबल में 473 मिलियन लोग शामिल हैं। आईटीआई क्षेत्र में रोजगार 29.46 फीसदी और पॉलिटेक्निक क्षेत्र में रोजगार 32.67 फीसदी है। देश में पुरुष रोजगार में 47.39 फीसदी है जबकि महिला रोजगार 45.6 फीसदी है। भारत में संगठित कार्यबल केवल 8 फीसदी है।
रोजगार के लिहाज से राजस्थान का स्थान देश में चौथा है और पुरुष और महिला रोजगार क्रमशः 7वें और 6ठें स्थान पर है। देश के सभी राज्यों में काम करने के लिहाज से राजस्थान छठां सबसे पसंदीदा राज्य है।
भारत सरकार वर्षों से रोजगार के कई मुद्दों पर काम कर रही है। इनमें से सबसे बड़ा मुद्दा नौकरी के अवसरों की कमी है, ऐसे में रोजगार बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसी ही एक योजना है स्किल इंडिया, जिसके तहत युवाओं को कुशल रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े राज्य राजस्थान में युवाओं के कौशल विकास के लिए विशाल क्षेत्र मौजूद हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जैसे निर्माण कौशल, कृषि कौशल, मोटर वाहन कौशल, बढ़ई कौशल सहित कई कौशल जो छात्रों को नौकरी पाने में मदद कर सकते हैं। इन कौशल के लिए सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रशिक्षण के एक संगठित तरीके और ऐसे करियर के लिए संस्थानों के क्रेडिट के माध्यम से उचित सम्मान की आवश्यकता होती है।
सरकार की योजना के समर्थन में देश की पहली और एकमात्र कौशल-आधारित संस्था भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) अपने स्विस ड्यूल-एजुकेशन सिस्टम के आधार पर कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है। 2016 में स्थापित, विश्वविद्यालय का दृष्टिकोण कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता उत्पन्न करना है ताकि भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाई जा सके और उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाया जा सके। बीएसडीयू न केवल शैक्षणिक, बल्कि सरकार की योजनाओं को औद्योगिक समर्थन भी प्रदान कर रही है।
विश्वविद्यालय छह महीने के बाद कौशल प्रमाणपत्र के साथ कई एक्जिट वाला एक अभिनव स्नातक डिग्री कार्यक्रम प्रदान करता है, एक वर्ष के बाद कौशल डिप्लोमा, दो साल के बाद उन्नत डिप्लोमा और तीन साल बाद स्नातक की डिग्री। छात्र हर वैकल्पिक सेमेस्टर के लिए औद्योगिक प्रशिक्षुता के एक स्तर तक पहुंचते हैं। यह उन्हें तीन साल के बी. वोक कार्यक्रम के दौरान 18 महीने का औद्योगिक अनुभव देता है। इस प्रकार छात्र हर एक्जिट लेवल पर उद्योग के लिए तैयार होते हैं। इंटर्नशिप के दौरान उद्योग 7000 से 15000 रुपए तक प्रति माह तक का स्टाइपेंड देते हैं, जिससे आप सीखने के साथ कमाते भी हैं। साथ ही, कई छात्रों को उन कंपनियों द्वारा नियमित रोजगार की पेशकश की जाती है जहां वे इंटर्नशिप के लिए जाते हैं। वे बहुत ही कम उम्र में उद्योग में शामिल होने के चलते कई एक्जिट सिस्टम का लाभ उठाते हैं। वे उद्योग में उच्च स्तर पर पदोन्नति जैसे कारणों के चलते अपनी डिग्री पूरी करने के लिए बाद में भी विश्वविद्यालय वापस आ सकते हैं। विश्वविद्यालय विद्यालय कई कौशल संबंधित क्षेत्रों में मास्टर प्रोग्राम एम. वोक और पीएचडी भी प्रदान करता है।
बीएसयूडी 50 एकड़ में विस्तारित होगा, जिसमें 73 इमारतों, 55 अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं सहित 16 कंप्यूटर प्रयोगशालाएं, कई अनुसंधान परियोजनाएं, एक पूरी तरह से सुसज्जित परिसर वाई-फाई सुविधाओं और 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल होंगे। बीएसडीयू में पहले से ही कई उद्योग सहयोग हैं और कई संगठनों के साथ जुड़ाव है, जिससे यह अपने छात्रों को उद्योग के साथ सम्पर्क प्रदान करता हैं। उद्योग के कुछ लीडर जहां छात्रों को प्रशिक्षण का लाभ मिलता है, वह है डायकिन, महिंद्रा, एपेक्स अस्पताल, कैड सेंटर, आर्डेन, सबल भारत, रिगेल, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, ल्यूपिन, आईटीसी, पेप्सिको, एलजी, एलएंडटी, नेस्ले और फाइजर।
बीएसडीयू ने कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ कौशल क्षेत्र में पचास से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। स्विस ड्यूल मॉडल ऑफ स्किल एजुकेशन पर आधारित एक कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसी तरह इसने फोटोनिक्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए सहयोग और समर्थन के लिए राजस्थान सरकार और फोटोनिक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, सिंगापुर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय ने इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबल कम्युनिटी, यूएसए के साथ कौशल विकास, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट, अनुसंधान एवं विकास और संबंधित सेवाओं के लिए एक समझौते में प्रवेश किया है, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा, कौशल विकास के लिए राजस्थान कर्मचारी संगठन और भारद्वाज फाउंडेशन, जयपुर के साथ परिणाम आधारित प्रशिक्षण, प्लेसमेंट, आरएंडडी और संबंधित सेवाओं के लिए सहयोग किया है।
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