मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक ने छोटे और मध्यम फ्लीट के मालिकों को इस्तेमाल और नए कमर्शियल व्हीकल (सीवी) को खरीदने के लिए एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड (इंडोस्टार) के साथ भागीदारी की है। यह वाणिज्यिक वाहनों के वित्तपोषण के लिए एक वाणिज्यिक बैंक और एक एनबीएफसी के बीच देश में अपनी तरह का पहला लेंडिंग प्रोग्राम है।
इस साझेदारी के तहत, इंडोस्टार सोर्सिंग, डॉक्यूमेंटेशन, कलेक्शन और लोन सेवाओं सहित समूचे ऋण जीवन-चक्र के माध्यम से ग्राहकों को सेवाएं देगी। आईसीआईसीआई बैंक इन ग्राहकों के लिए धन मुहैया कराएगा, जिनके पास फिलहाल संगठित ऋण तक अधिक पहुंच नहीं है। इंडोस्टार, जिसने वाणिज्यिक वाहनों के उपयोग के वित्तपोषण में एक नई जगह विकसित की है, टियर 2, 3, 4 शहरों में ग्राहकों को तैयार करेगा जहां इसका शाखा नेटवर्क है। इन शहरों में कोयम्बटूर, सलेम, तिरुनेलवेली, कुरनूल, कालीकट, त्रिवेंद्रम, जबलपुर, भोपाल, अहमदाबाद, राजकोट, जोधपुर, अलवर, और मेरठ जैसे केंद्र शामिल हैं। एनबीएफसी के पास 322 शाखाओं का एक विस्तृत शाखा नेटवर्क है।
साझेदारी के बारे में बात करते हुए आईसीआईसीआई बैंक के हैड - सिक्योरिटी एसेट्स रवि नारायणन ने कहा, ‘आईसीआईसीआई बैंक ने स्थापना के बाद से भारत में परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस विरासत को ध्यान में रखते हुए, हम छोटे और मध्यम फ्लीट के मालिकों के लिए निर्बाध ऋण लाने के लिए इंडोस्टार के साथ साझेदारी करके खुश हैं और इस तरह देश के बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान कर रहे हैं। यह साझेदारी बैंक के कुशल ऋण तंत्र और देश की छोटी पॉकेट में इंडोस्टार की पहुंच को बड़े पैमाने पर लोगों के लिए कर्ज सुलभ बनाने के लिए लाभान्वित करेगी। इसके साथ, उद्यमियों के लिए उपयोग किए गए और नए वाणिज्यिक वाहनों को खरीदने में मदद करने के लिए हमारे पास देश भर में व्यापक उपस्थिति होगी।’
साझेदारी के बारे में बात करते हुए, इंडोस्टार के एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन और सीईओ आर. श्रीधर ने कहा, ‘हम आईसीआईसीआई बैंक जैसी संस्था के साथ काम करते हुए प्रसन्न हैं और आईसीआईसीआई बैंक के साथ इस तरह की व्यवस्था में शामिल होने वाले पहले एनबीएफसी है। यह बैंक की बैलेंस शीट की ताकत को देश के छोटे शहरों के वंचित ग्राहकों तक पहुंचाने की हमारी क्षमता को परखेगा। यह अनुभव, निश्छलता और ताकत और आकार के साथ एक व्यापक पहुंच के लिए साझेदारी है।’
No comments:
Post a Comment