डॉ. प्रीति अदानी को राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए बनास रत्न पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया - Karobar Today

Breaking News

Home Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, February 20, 2019

डॉ. प्रीति अदानी को राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए बनास रत्न पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया

Dr. Priti Adani gets Banaras Ratna award



नई दिल्ली। गुजरात में पालनपुर के रोटरी क्लब की ओर से आयोजित किए गए एक समारोह में अदानी फाउंडेशन की चेयरमैन डॉ. प्रीति अदानी को प्रतिष्ठित बनास रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सालाना पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जो बनासकांठा क्षेत्र के मूल निवासी हैं या जिनकी जड़ें वहां से जुड़ी हुई हैं और जो सामुदायिक सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं। डॉ. प्रीति अदानी की जड़ें गुजरात के बनासकांठा जिले की थराड तालुका से जुड़ी हुई हैं।

अदानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदानी ने पुरस्कार मिलने के बाद कहाबनास रत्न पुरस्कार प्राप्त करना अतीत में ले जाने वाला सफर था जो मुझे वापस मेरी जड़ों के करीब ले गया।  इस तरह की पहचान ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है और हमारे आसपास के समुदाय का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में हमारी मदद करती है।

अदानी फाउंडेशन ने थराड क्षेत्र में 39 आंगनवाड़ियोंका निर्माण कराया। इन आंगनवाड़ियों ने कई अन्य सेवाओं के साथ बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा, प्रसव पूर्व और बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल में प्रमुख भूमिका निभाई है। औद्योगिक साझीदार के रूप में उन्होंने क्षेत्र में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (आईटीआई) की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाया है। आईटीआई में सुविधाएं बढ़ाने के क्रम में एक अलग टॉयलेट ब्लाक बनाया गया, कैंटीन की सुविधा दी गई और कैंटीन के साथ लाइब्रेरी रूम की सुविधा प्रदान की गई थी। 450 वर्ग मीटर के क्षेत्र में वर्कशॉप की बिल्डिंग भी बनवाई गई और वेल्डिंग और रेफ्रिजरेशन के नए ट्रेड को आईटीआई के कोर्सेज में जोड़ा गया और इसकी शिक्षा प्रारंभ की गई थी।

गुजरात के बनासकांठा और पाटन जिलों में हुई मूसलाधार वर्षा ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए थे। बनासकांठा जिले के धानेरा और थराड तालुके में स्थिति बहुत ही गंभीर थी। प्राकृतिक आपदा की उस घड़ी में अदानी फाउंडेशन की ओर से राहत सामग्री जैसे राशन का सामान, पानी की बोतलें और तिरपाल आदि बांटे गए थे। बाढ़ से जूझ रहे लोगों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाने के लिए अदानी फाउंडेशन की मोबाइल हेल्थ केयर यूनिट को भी सक्रिय किया गया था।

अदानी फाउंडेशन द्वारा क्रियान्वित अदानी विल्मर सुपोषण परियोजना को भी थराड क्षेत्र में शुरु किया गया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 0-5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में, किशोर लड़कियों और प्रजनन उम्र की महिलाओं में कुषोषण और एनीमिया की समस्या को दूर करना था। इस समय सुषोषण परियोजना को 65 गांवों और थराड की झुग्गी-झोंपड़ियों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अदानी फाउंडेशन 12,628 परिवारों तक अपनी पहुंच बना चुका है, जिसमें 6474 बच्चे 0-5 वर्ष के आयुवर्ग के हैं। इसके अलावा फांउडेशन ने 6308 किशोर उम्र की लड़कियां और 12,981 महिलाओं तक अपनी पहुंच बनाई है।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad