मुंबई।कोस्टल गुजरात प्रा. लि. (सीजीपीएल), टाटा पावर की एक इकाई है, जो मूंदड़ा में 4150 मेगावाट का विशाल बिजली संयंत्र चलाती है और जो हमेशा से स्थानीय समुदाय के विकास और स्थायी वातावरण निर्मित करने के लिये प्रतिबद्ध एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट संगठन रही है। संयुक्त राष्ट्र के स्थायी विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुसार समावेशी विकास के लिये असीमित वचनबद्धता और बिजली संयंत्र के आस-पास के समुदायों तथा वातावरण के लिये स्थायी प्रासंगिकता ने सीजीपीएल को विगत वर्षों में मिली सफलता को परिभाषित किया है।
सीजीपीएल के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) प्रोग्राम उसके रणनीतिक इरादे के तीन स्तंभों में श्रेणीबद्ध हैं- आजीविका से सम्बंधित पारिस्थितिकी, मूलभूत आवश्यकताओं का प्रावधान और सामाजिक पूंजी तथा आधारभूत संरचना को मजबूत करना। इनमें से प्रत्येक स्तंभ के अंतर्गत कंपनी ने कई प्रोग्राम शुरू किये हैं, जैसे समृद्धि, सागरबंधु, अमृतधारा, शिक्षा सारथी, धागा, ई-विद्या, आरोग्य, संवाद, सम्मान, अधिकार, उद्यमी, आदि, जिनके लिये मान्यता प्राप्त एजेंसियों का तकनीकी एवं क्रियान्वयन सहयोग मिलता है और यह सरकारी एजेंसियों तथा विभागों के साथ निकटतापूर्ण समन्वय से चलते हैं।
प्रमुख उपलब्धियाँ :
वर्ष 2008 से सीएसआर यात्रा की शुरूआत हुई।
वर्ष 2008 से दो गौशालाओं की संस्थापना और चारे की आपूर्ति; इससे पशुओं की संख्या बढ़कर 3600 हो गई।
वर्ष 2011 में सीजीपीएल ने अपने परिचालन क्षेत्र को 5 से बढ़ाकर 21 गांव का किया, जिसके बाद टुंडा-वांध ब्लॉक की 100 प्रतिशत संतृप्ति हुई और उसी वर्ष उसे खुले में शौच से मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया
वर्ष 2016 में कंपनी ने परिचालन के परिभाषित क्षेत्र के सभी स्कूलों में शिक्षा सारथी और ई-विद्या जैसे शैक्षणिक प्रोग्रामों के माध्यम से 100 प्रतिशत संतृप्ति में सहायता की।
वर्ष 2017 में सीजीपीएल ने मांडवी ब्लॉक की 100 प्रतिशत संतृप्ति अर्जित की, जिसे गुजरात सरकार ने पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। गुजरात सरकार ने सीजीपीएल के काम की सराहना करते हुए उसे प्रशस्ति पत्र भी दिया।
वर्ष 2018 में कंपनी ने सभी गांवों और स्कूलों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल के लिये आरओ प्लांट लगाकर 100 प्रतिशत संतृप्ति अर्जित की।
वर्ष 2019 में सीजीपीएल और उसकी भागीदार एजेंसी ने पार्टिसिपैट्री ग्राउंड वाटर मैनेजमेन्ट (पीजीडब्ल्यूएम) में जो काम किया, उसका विवरण टाइम्स ऑफ इंडिया ने छापा, जिसमें इस कार्य के प्रभाव का वर्णन था।
वर्ष 2019 में सीजीपीएल को गुजरात सीएसआर अथॉरिटी (जीसीएसआरए) ने ‘स्थायी एवं प्रभावी परियोजना’ का पुरस्कार दिया, जो कच्छ में सूखे के समय प्रशंसनीय कार्य, गुजरात सरकार के ‘सुजलाम सुफलाम जल अभियान मिशन’ में भागीदारी और तमिलनाडु की बाढ़ के समय आपदा राहत के लिये गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सराहना थी।
एमजीएलआई द्वारा वार्षिक आधार पर किया जाने वाला सामाजिक अंकेक्षण सामुदायिक संतोष में बढ़ते ट्रेंड को दर्शाता है
इन प्रोग्रामों के माध्यम से, सीजीपीएल ने समुदाय के लिये स्थायी आजीविका का मार्ग प्रशस्त किया है और उसे मूलभूत सुविधाओं तक पहुँच भी दी है, जैसे पूरे साल चारे की व्यवस्था, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कृषि सहयोग, स्वास्थ्यरक्षा एवं स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल। इसने सामाजिक पूंजी को मजबूत कर और समुदाय के स्वामित्व वाली संपदाओं का निर्माण कर समुदायों को सशक्त भी किया है।
स्थायित्व के लिये सीजीपीएल की प्रतिबद्धता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सीजीपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विजय नामजोशी ने कहा, ‘‘सीजीपीएल में हम हर उस पहल पर गर्व महसूस कर रहे हैं, जिसकी शुरूआत हमने विगत वर्षों में की है। हम मानते हैं कि हमने सीएसआर में एक मापदंड स्थापित किया है और ऐसे प्रोग्राम चलाये हैं, जिन्हें कई फोरमों में सराहा गया है। टाटा ग्रुप को हमेशा उसके नैतिक और जिम्मेदार व्यवसाय के लिये सराहा गया है और उसका हिस्सा होने के नाते सीजीपीएल में हम इस विरासत को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।’’
पिछले कई सालों में, सीजीपीएल ने विकास का एक मजबूत, समावेशी और स्थायी मॉडल स्थापित करने में सफलता पाई है। इसने समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में लगातार सुधार किया है और उनका उत्थान किया है और स्थायी प्रभाव के लिये इस कार्य को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाना जारी रखेगा।
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