वाणिज्य सचिव ने संतुलित भारत-चीन व्यापार पर जोर दिया
नई दिल्ली। वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वाधवान ने शंघाई में चीन के वाणिज्य उपमंत्री वांग शओवन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। वाणिज्य सचिव के साथ वाणिज्य विभाग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग तथा पेईचिंग स्थित भारतीय दूतावास और शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी मौजूद थे। भारतीय शिष्टमंडल में एपीईडीए के अध्यक्ष, नाफेड के प्रबंध निदेशक, एफआईईओ के महानिदेशक तथा फार्मएक्सिल के महानिदेशक शामिल थे।
वाणिज्य सचिव ने विशाल व्यापार घाटे के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए चीनी सरकार के प्रयासों को स्वीकार किया, जो बाजार तक पहुंच संबंधी समस्याओं को हल करने के बारे में हैं। उन्होंने सोयाबीन और अनार तथा अन्य संबंधित मुद्दों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने वांग से कहा कि भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित व्यापार संवर्द्धन कार्यक्रमों के लिए सकारात्मक रुख अपनाया जाए। इन आयोजनों में चीनी, चावल, चाय और खाद्य तेल शामिल हैं। डॉ. वाधवान ने वांग से आग्रह किया कि वे अपने आयातकों को एमओएफसीओएम के दिशा-निर्देश प्रदान करें, ताकि वे भारत से इन उत्पादों को प्राप्त कर सकें।
वाणिज्य सचिव ने बताया कि कृषि उत्पाद, फार्मा क्षेत्र, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं और पर्यटन के क्षेत्र में भारत की बहुत क्षमता है तथा विश्व में उसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है; लेकिन चीन में भारत की इस क्षेत्र में बहुत कम मौजूदगी है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को पारस्परिक व्यापार में प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
अपनी यात्रा के दौरान वाणिज्य सचिव ने चीन के महत्वपूर्ण चीनी निर्यातकों के साथ विस्तार से बातचीत की। बातचीत में चाइना शुगर एसोसियेशन भी शामिल था। संबंधित बैठकों में एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक सहित भारतीय चीनी उद्योग के दिग्गज भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि चीन में खाद्य पदार्थ जैसे चावल, सोयाबीन ,चीनी, चाय इत्यादि का निर्यात बढ़ाने के लिए इन खाद्य पदार्थों में पेस्टिसाइड्स की निर्धारित मात्रा का ध्यान रखना होगा और वांछित क्वालिटी का माल ही आपूर्ति करना होगा।इससे चीन के साथ भारत के कारोबारी रिश्ते दीर्घ अवधि तक स्थाई रह पाएंगे।
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