नई दिल्ली। किसानों के हित से ही कमोडिटी कारोबार का भविष्य जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए नियमित रूप से प्रयास भी कर रही है। इससे आने वाले दिनों में कमोडिटी कारोबार का भविष्य उज्जवल लग रहा है।
ये हैं प्रमुख सरकारी प्रयास
सरकार द्वारा कृषि लागत कम करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम लेपित यूरिया के उपयोग तथा प्रति बूंद अधिक फसल से जुड़ी योजनाओं पर बल दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के माध्यम से लगभग 5.5 लाख लोगों के लिए रोजगार अवसर तैयार किये जा रहे हैं।
केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश में 2017-18 में (चौथा पूर्व अनुमान) 284.83 मिलियन टन अनाज का उत्पादन हुआ। जबकि, 2010-14 में 255.59 मिलियन टन औसत उत्पादन हुआ था। 2017-18 में दाल का 25.23 मिलियन टन (चौथ पूर्व अनुमान) उत्पादन हुआ। इस तरह 2010-14 के 18.01 मिलियन टन की तुलना में दाल उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बागवानी फसलों में रिकॉर्ड 15.79 प्रतिशत वृद्धि हुई, नीली क्रांति के अंतर्गत मछली उत्पादन 26.86 प्रतिशत बढ़ा और पशुपालन तथा दूध उत्पादन में 23.80 प्रतिशत की वृद्धि हुई। राधा मोहन सिंह ने कहा कि उत्पादन लागत घटाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम लेपित यूरिया के इस्तेमाल और प्रति बूंद अधिक फसल से संबंधित योजनाएं लक्षित रूप में लागू की जा रही हैं। जैव कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए 2014-15 में परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) प्रारंभ की गई और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र मिशन ऑर्गेंनिक वेल्यू चेंज डवलपमेंट (एमओवीसीडी-एनईआर) प्रारंभ किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई नैम) प्रारंभ किया गया है ताकि एक देश एक बाजार की ओर बढ़ते हुए किसानों के उत्पाद के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। मार्च 2018 तक ई नैम के साथ 585 मंडियों को जोड़ने का काम किया गया। इसके अतिरिक्त खरीफ फसल 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफडीवाई) शुरू की गई ताकि आपदाओं के कारण कृषि जोखिम पर काबू पाया जा सके।इस योजना के अंतर्गतस भी अनाज तिलहन तथा वाणिज्यिक/बागवानी फसल आती हैं। इस योजना में फसल रोपने से पहले, फसल उपज के दौरान और फसल कटाई के बाद के जोखिम शामिल किये गये हैं। सिंह ने कहा कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से कृषि में गुणवत्ता को प्रोत्साहित कर रही है। 6 हजार करोड़ रूपये के आवंटन के साथ प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना प्रारंभ की गई है। खाद्य प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए कृषि प्रसंस्करण कलस्टरों के फावर्ड और बेकवर्ड लिंकेज विकसित किये जा रहे हैं। लगभग 20 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और लगभग 5.5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर तैयार किये जा रहे हैं।
No comments:
Post a Comment