जयपुर। चना उत्पादन के प्रमुख केंद्र ऑस्ट्रेलिया में विपरीत परिस्थितियों के चलते चना उत्पादन प्रभावित हुआ है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में चने का उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले 70 से 72% कम होकर 3.32 लाख टन रहा है। वहां गर्मियों की फसल बुवाई शुरू हो चुकी है जो कि फरवरी 2019 तक चलेगी। ऑस्ट्रेलिया में भी सूखे जैसे हालात है और जमीन में आद्रता की कमी के चलते आशंका है कि इस कुल बुवाई क्षेत्र में 20% की कमी दर्ज की जा सकती है। इस आधार पर विशेषज्ञों का अनुमान है कि गर्मियों की फसल में चने का उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले 25% कम रह सकता है। गौरतलब है कि चना की खरीद करने वाली प्रमुख संस्था नेफेड ने चना के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान से चने की कम खरीद की है। इन परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि चना आने वाले दिनों में 5000 ₹ तक का स्तर आसानी से छू सकता है वहीं इसमें 4400 ₹ पर अच्छा खासा समर्थन है।
जयपुर। चना उत्पादन के प्रमुख केंद्र ऑस्ट्रेलिया में विपरीत परिस्थितियों के चलते चना उत्पादन प्रभावित हुआ है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में चने का उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले 70 से 72% कम होकर 3.32 लाख टन रहा है। वहां गर्मियों की फसल बुवाई शुरू हो चुकी है जो कि फरवरी 2019 तक चलेगी। ऑस्ट्रेलिया में भी सूखे जैसे हालात है और जमीन में आद्रता की कमी के चलते आशंका है कि इस कुल बुवाई क्षेत्र में 20% की कमी दर्ज की जा सकती है। इस आधार पर विशेषज्ञों का अनुमान है कि गर्मियों की फसल में चने का उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले 25% कम रह सकता है। गौरतलब है कि चना की खरीद करने वाली प्रमुख संस्था नेफेड ने चना के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान से चने की कम खरीद की है। इन परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि चना आने वाले दिनों में 5000 ₹ तक का स्तर आसानी से छू सकता है वहीं इसमें 4400 ₹ पर अच्छा खासा समर्थन है।
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