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Wednesday, December 26, 2018

टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्‍टीट्यूट ने 4 सालों में 40 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया




Tata Power's Skill Development Institute on a mission for nation building




राष्‍ट्रीय। भारत की सबसे बड़ी एकीकृत पावर कंपनी टाटा पावर ने भारतीय पावर सेक्‍टर में कौशल की कमी को पूरा करने के उद्देश्‍य के साथ फरवरी 2015 में टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्‍टीट्यूट (टीपीएसडीआइ) की स्‍थापना की थी। लगभग चार सालों की छोटी सी अवधि में ही टीपीएसडीआइ ने पावर सेक्‍टर और संबंधित उद्योगों के लिये जरूरी कौशल में 40,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर चुका है। टीपीएसडीआइ ने ब्‍लू-कॉलर्ड वर्कफोर्स और समाज के वंचित वर्गों को कौशल संबंधित प्रोग्राम उपलब्‍ध कराने के साथ शुरूआत की थी और आज यहां उच्‍च कौशल में भी शिक्षण प्रदान किया जाता है। टीपीएसडीआइ द्वारा वर्तमान में अन्‍य संगठनों और टाटा पावर के इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिये पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाती है। इसके साथ ही यह इंजीनिय‍रिंग कॉलेज के विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षित करती है, ताकि उन्‍हें शिक्षा एवं उद्योग के बीच अंतर को भरने के लिये कौशल प्राप्‍त करने में सक्षम बनाया जा सके।
राष्‍ट्र निर्माण के कंपनी के विजन पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुये, प्रवीर सिन्‍हा, सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्‍टर, टाटा पावर ने कहा, ''पावर और इससे जुड़े उद्योग को योग्‍य एवं दक्ष कार्यबल उपलब्‍ध कराना टीपीएसडीआइ का उद्देश्‍य है। टीपीएसडीआइ द्वारा नियमित तौर पर ट्रेनीज के लिये भविष्‍य में उपलब्‍ध होने वाले रोजगार के अवसरों के लिये विभिन्‍न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन भी किया जाता है। हम टीपीएसडीआइ को उपयोगिता के आधार पर भारत का एक सर्वश्रेष्‍ठ ट्रेनिंग सेंटर बनाना चाहते हैं और हमें पूरा भरोसा है कि यह निकट भविष्‍य में कामगारों को कौशल प्रदान करने में अग्रणी बनेगा।
टीपीएसडीआइ के ट्रेनिंग हब्‍स भारत में पांच स्‍थानों पर हैं। इनमें शामिल हैं : महाराष्‍ट्र में मुंबई के निकट शाहाद और ट्रॉम्‍बे; झारखंड में धनबाद के निकट मैथन और जमशेदपुर के निकट जोजोबेरा और गुजरात में कच्‍छ के निकट मूंदड़ा। अपने हब्‍स के अलावा टीपीएसडीआइ ने अपने स्‍पोक्‍स और आउटरिच प्रोग्राम्‍स के माध्‍यम से समूचे भारत में 16 स्‍थानों पर प्रशिक्षण प्रदान करता है। टीपीएसडीआइ अपनी एफर्मेटिव ऐक्‍शन पॉलिसी के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों को अपने पाठ्यक्रमों तक पहुंचाने के लिये निरंतर काम करती है। इसके साथ ही यह गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) कैटेगरी के लोगों तक पहुंचती है और वर्ष 2015 से अब तक इसने ऐसे 4700 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया है तथा उनकी आजीविका को बेहतर बनाने के अवसर उपलब्‍ध करा रही है। वंचित वर्गोंके लिये टीपीएसडीआइ के काम के बारे में विस्‍तार से बताते हुये श्री प्रवीर सिन्‍हा ने कहा, ''यह संस्‍थान टाटा ग्रुप की वंशावली है और समाज के उन वर्गों के लिये काम करने में विश्‍वास रखती है, जहां पर इसका जीवन को बदलने वाला प्रभाव पड़ सकता है। टीपीएसडीआइ न सिर्फ बेरोजगार युवाओंको रोजगार प्राप्‍त करने का कौशल प्रदान करती है, बल्कि उन्‍हें एन्‍टरप्रेन्‍योरशिप स्किल्‍स देकर उनकी एन्‍टरप्रेन्‍योर बनने की आकांक्षा को भी पूरा करने में मदद करती है, ताकि वे छोटे कारोबार खोज सकें।''
टाटा पावर ने टीपीएसडीआइ के लिये महत्‍वकांक्षी योजनायें बनाई हैं। इस बारे में बताते हुये प्रवीर सिन्‍हा ने कहा, ''हम चाहते हैं कि टीपीएसडीआइ स्किल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करने में एक अग्रणी और बेंचमार्क संस्‍थान बने। टाटा पावर टीपीएसडीआइ को देश में एक प्रमुख टेक्‍नी‍कल ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट बनाना और पावर सेक्‍टर में प्रशिक्षण के लिये पहली पसंद बनाना चाहती है।''


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