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Friday, January 4, 2019

पेमेंट्स इंडस्ट्री का वर्ष 2018 में प्रदर्शन और वर्ष 2019 में संभावना



 रवि गोयल, चेयरमैन और एमडी, एजीएस ट्रांजेक्ट टेक्नोलॉजिज


  नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था पर परंपरागत रूप से नकद लेन-देन का प्रमुखता से प्रभाव रहा है, जहां 95 प्रतिशत ग्राहक नकद या चेक के जरिए भुगतान करते हैं। हालांकि, स्मार्टफोन्स की बढ़ती उपलब्धता के साथ इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के चलते अधिकांश भारतीय उपभोक्ता डिजिटल भुगतान के तरीकों का उपयोग करने लगे हैं और सामानों एवं सेवाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग कर रहे हैं।
जीडीपी में वृद्धि, निजी उपयोग और सरकारी पहलों के परिणामस्वरूप पेमेंट्स सेक्टर में दमदार वृद्धि हुई है। ट्रांजेक्शंस की संख्या वित्त वर्ष 2012 के 7,699 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में 26,370 मिलियन हो चुकी है। ट्रांजेक्शंस का मूल्य वित्त वर्ष 2012 के ₹ 1621130 बिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में ₹ 2871583 बिलियन हो चुका है।
भारत सरकार द्वारा अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में डिजिटल भुगतान के तरीकों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न पहलों को लेकर प्लान बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आधार-समर्थित भुगतान प्रणाली , स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग और हाल ही के विमुद्रीकरण जैसे कारकों ने भारत में डिजिटल भुगतान प्रणालियों के अधिकाधिक उपयोग हेतु अनुकूल स्थितियां बनाई हैं। भारतीय डिजिटल भुगतान सेवाओं में तकनीकी प्रगतियों के चलते तेजी से निधि अंतरण हो रहा है और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक एवं तीव्र चेक-आउट विकल्प उपलब्ध हैं। भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) एप्लिकेशन को लाकर यूपीआई के उपयोग को और अधिक बढ़ावा दिया गया। भीम ने स्मार्टफोन्स के जरिए बड़े कैशलेस भुगतानों को संभव बनाया है।
संभावना
बैंकिंग और फिनटेक पर भुगतान एवं एकीकरण के भीतर नवप्रवर्तनशीलता वर्ष 2019 में भी जारी रहेगी। हम वर्ष 2018 में यूपीआई 2.0 जैसे नवाचार पहले ही देख चुके हैं। वर्ष 2019 में यह चलन और अधिक बढ़ जायेगा। भुगतान के उपयुक्त मुद्रा कारकों के बारे में मर्चेंट्स को जानकारी एवं जागरूकता के अलावा मर्चेंट एक्सेप्ट प्वाइंट्स में वृद्धि इसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
विभिन्न कारक एवं व्यवहारजन्य चलन जैसे इंटरनेट एवं स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग से कैशलेस इकॉनमी में भारत के अवस्थांतर में मदद मिलेगी। अंतिम टच-प्वाइंट्स तक फिनटेक समाधानों की दीर्घकालिक वृद्धि एवं तेजी से उपयोग का एक मुख्य आवश्यक कारक है, डिजिटल भुगतान के तरीकों पर ग्राहकों का भरोसा। डिजिटल एवं ऑनलाइन भुगतान को भारत सरकार द्वारा दिया जा रहा समर्थन इस क्षेत्र को अफोर्डेबल और अंतःप्राचलनीय बना रहा है, जिससे लक्षित उपयोगकर्ताओं एवं व्यवसायों को अधिक लाभ का अनुमान है।
डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स का बढ़ता उपयोग, बढ़ता हुआ ई-कॉमर्स क्षेत्र, खर्च योग्य आय में वृद्धि और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में सरकारी पहलों से भारत में पीओएस डिवाइसेज के विकास के लिए लाभपूर्ण अवसर मिल सकेगा। यह अनुमान है कि पीओएस टर्मिनल्स के लाभों के बारे में रिटेलर्स के बीच बढ़ती जागरूकता के चलते रिटेल सेक्टर में इसमें भारी वृद्धि होगी। हालांकि, गोपनीयता, सुरक्षा, विश्वास एवं दूरसंचार ढांचे के एकीकरण के अभाव इस इंडस्ट्री के लिए बाधाएं पैदा कर सकते हैं।

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