पश्चिम बंगाल। देश में ई-मोबिलिटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की एक बार और पुष्टि करते हुए,देश में बसों के अग्रणी ब्रान्ड, टाटा मोटर्स ने आज शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में वेस्ट बंगाल ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डब्लूबीटीसी) को 80 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करने की घोषणा की गई है। कंपनी ने पहले ही20 अल्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक 9/9एम एसी ई-बसों की आपूर्ति कर दी है, शेष 20 9/9एम एसी ई-बसों की आपूर्ति 31मार्च 2019 तक कर दी जाएगी। कंपनी चरणबद्ध ढंग से डब्लूबीटीसी को 40 9/12एम एसी ई-बसों की आपूर्ति करेगी। पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बसों को हरी झंडी दिखाई और इस अवसर पर डब्लूबीटीसी एवं टाटा मोटर्स के पदाधिकारियों की भी उपस्थिति देखने को मिली। नई बसें नबाना,हावड़ा से अपनी पहली यात्रा आरंभ करेंगी।
इस अवसर पर टाटा मोटर्स के पैसेंजर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स के प्रॉडक्ट लाइन हेड रोहित श्रीवास्तव ने बताया, “पर्यावरण की बढ़ती चिंता को देखते हुए, इस देश का भविष्य इलेक्ट्रिक बसें हीं हैं। टाटा मोटर्स ई-मोबिलिटी के विकास में अग्रणी है और यह ऑर्डर हमारे द्वारा पेश किये जाने वाले श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ समाधानों का प्रमाण है जिन्हें भारत में बस सेगमेंट के लिए खासतौर से बनाया गया है। यह ऑर्डर 255 ई-बसों का हिस्सा है जिन्हें देश में 6 एसटीयू को सप्लाई किया जायेगा। डब्लूबीटीसी भी इनमें से एक है। विभिन्न बाजारों और ग्राहकों के लिए स्थायी परिवहन सुविधा की हमारी गहन समझ ही हमारे प्रतियोगियों से हमें अलग करती है। हम देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रमोट करने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करते हुए वैकल्पिक ईंधन तकनीक विकसित करने और ऊर्जा बचाने में सक्षम वाहन विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह बसें टाटा मोटर्स के धारवाड़ स्थित प्लांट में बनाई गई है। यह अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें एक बार चार्ज करने पर150 किमी की दूरी तय कर सकती है। कंपनी ने बसों को चार्ज करने के लिए नोनापुकुर,कस्बा, न्यूटाउन और बेलघोरिया में चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किये हैं। यही नहीं, फास्ट चार्जिंग से पावर्ड इंटरमीडिएट चार्जिंग टर्मिनल्स भी हावड़ा और संतरागाछी में लगाये गये हैं। स्वदेशी ढंग से विकसित की गई यह बसें सर्वश्रेष्ठ डिजाइन के साथ आधुनिक फीचर्स से सुसज्जित हैं। इन बसों की छतों पर ली-आयन बैटरियां रखी जाती हैं, जिससे यह रास्ते में पानी भरा होने के कारण खराब न हो जाए। तापमान को आदर्श स्थिति में बनाए रखने के लिए इन बैटरियों को लिक्विड-कूल किया जाता है, जिससे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इन बसों की लंबी जिंदगी और अच्छी परफॉर्मेंस सुनिश्चित होती है।
टाटा मोटर्स के सीवीबीयू में हेड इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिक एंड डिफेंस) के डॉ. ए. के. जिंदल ने कहा, “टाटा मोटर्स पिछले दशक से मिश्रित या पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक वाहन के लिए एडवांस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम के विकास में जुटा है। अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें एक नया मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म है, जिसे एक साल से भी कम समय में विकसित किया गया है। इन बसों के विकास में हमने लंबे समय से ज्ञान और अनुभव का लाभ उठाया है। इस तरह हमने भारत सरकार के नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया है। टाटा मोटर्स की इनहाउस इंजीनियरिंग टीम ने इस प्लेटफॉर्म का आर्किटेक्चर तैयार और विकसित किया है। यह अलग-अलग ट्रांसपोर्ट निगमों की ओर से जमा किए गए टेंडर की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। बसों का बाहरी लुक नए ब्रैंड की पहचान के साथ डिजाइन किया गया है, जिसमें स्टाइलिश अल्ट्रा हेडलैंप और जबर्दस्त लुक शामिल है। वाहन का आर्किटेक्चर कम ऊर्जा की खपत और संचालन की कम लागत (टीसीओ) के साथ शून्य उत्सर्जन के साथ पर्यावरण के अनुकूल बस मुहैया कराना सुनिश्चित करता है।”
नये युग की अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें इंटीग्रेटेडइलेक्ट्रिक मोटर जनरेटर द्वारा पावर्ड हैं और इन्हें स्टारबस एवं अल्ट्रा के मौजूदा प्रमाणित प्लेटफॉर्म पर निर्मित किया गया है। 245केडब्लू की अधिकतम पावर और145केडब्लू की निरंतर पावर के साथ, इन बसों में31+1डी सीटों की क्षमता है। यह बसें जीरो टेलपाइप एमिशन में मदद करेंगी, ईंधन की लागत में 50 प्रतिशत की कमी करेंगी, ऊर्जा की खपत 20 प्रतिशत बेहतर होगी और डीजल बसों की तुलना में मेंटेनेंस डाउनटाइम भी कम होगा। अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें एयर कंडीशंड हैं। बसों का इंटीरियर आधुनिक हैं। इसमें 31 यात्रियों के बैठने के लिए सुविधाजनक सीटें हैं। इंडस्ट्री में पहली बार इन बसों में अगले और पिछले पहियों के लिए एयर सस्पेंशन होगा, जिससे यात्रियों के लिए सफर करना और भी आरामदायक हो जाएगा। इन बसों में इंटिग्रेटिड इलेक्ट्रिक मोटर जेनरेटर लगा हुआ है, जिनकी पीक पावर 333एचपी है जोकि 197 हॉर्स पावर मुहैया कराता है, जिससे भीड़-भाड़ से भरी सड़कों पर इन इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने में किसी तरह की कठिनाई नहीं होती।
इस अवसर पर नारायण स्वरूप निगम, वेस्ट बंगाल ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डब्लूबीटीसी) में प्रबंध निदेशक ने कहा, “कोलकाता देश में सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है और यह हमारे लिए एक चुनौती है। हालांकि, कोलकाता को दुनिया के सबसे स्मार्ट शहरों में से एक बनाने के लिए हमारी सुदृढ़ प्रतिबद्धता के साथ,सार्वजनिक परिवहन हमेशा से हमारी सरकार के लिए फोकस का प्रमुख क्षेत्र रहा है और कोलकाता के लोगों के लिए आज बहुत उल्लेखनीय दिन है। टाटा मोटर्स की अत्याधुनिक अल्ट्रा 9एम एसी इलेक्ट्रिक बसें बेहतर सार्वजनिक परिवहन हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमारा स्पष्ट जोर जनता को स्थायी, किफायती और सुरक्षित मोबिलिटी समाधानों को प्रदान करने पर रहा है। यह ई-बसें जल्द ही पश्चिम बंगाल की सड़कों पर हावड़ा से लेकर जादवपुर, गरियासे लेकर एयरपोर्ट,बेहला से लेकरराजरहट और एस्पलांडेसे लेकर सांत्रागाची तक दौड़ती नजर आयेंगी। हम हरित एवं स्वच्छ कोलकाता के लिए स्मार्ट सिटी समाधानों को लाने के लिए टाटा मोटर्स के साथ इस सहयोग को मजबूत बनाने के लिए तत्पर हैं।''
महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिकल ट्रैक्शन कंपोनेंट्स अमेरिका, जर्मनी और चीन के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात बेस्ट सप्लायर्स से आते हैं, जो दुनिया भर में जांचे-परखे प्रॉडक्ट्स ही सप्लाई करते हैं। इन बसों को टाटा मोटर्स की ओर से जांचा-परखा और प्रमाणित किया गया है, जिनमें हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, असम और महाराष्ट्र के अलग-अलग भागों में इसकी परफॉर्मेंस को टेस्ट किया गया है।
कंपनी के पास 6 पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपक्रमों को 255इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करने के टेंडर हैं, जिसमें डब्ल्यूबीटीसी (पश्चिम बंगाल), एलसीटीएसएल (लखनऊ), एआईसीटीएसएल( इंदौर), एएसटीसी (गुवाहाटी), जेएंडकेएसआरटीसी (जम्मू) और जेसीटीएसएल (जयपुर) शामिल हैं। इनके अलावा,कंपनी निकट भविष्य में अपने इलेक्ट्रिक मिनी-बस सेगमेंट के विकास पर भी काम कर रही है।
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