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Saturday, March 9, 2019

जयपुर में स्थापित होगा पहला जेमस्टोन बॉर्स


GJEPC Chairman Shri Pramod Kumar Agrawal proposes first-of-its-kind world-class Gemstone Bourse in Jaipur




जयपुर।  भारत के आभूषण निर्माण और व्यापार को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल के तहत मुंबई में देश के पहले ज्वैलरी पार्क के भूमि पूजन के बाद जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष  प्रमोदकुमार अग्रवाल ने अब अपना ध्यान देश के पहले विश्वस्तरीय जेमस्टोन बॉर्स पर केंद्रित कर दिया है। जीजेईपीसी के अध्यक्ष  प्रमोदकुमार अग्रवाल ने जयपुर में अपनी तरह के पहले विश्व स्तरीय जेमस्टोन बॉर्स का प्रस्ताव दिया है। जयपुर में पहला जेमस्टोन बॉर्स मुंबई (भारत डायमंड बोर्स) और सूरत के डायमंड बॉर्स की तर्ज पर होगा।
जीजेईपीसी ने जयपुर में रत्न और आभूषण एमएसएमई के लिए कॉमन फेसिलिटी सेंटर (सीएफसी) स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हाल ही अमरेली, विसनगर, पालनपुर और जूनागढ में ऐसे ही सीएफसी स्थापित करने के बाद सरकार ने कोयम्बटूर, कोलकाता और हैदराबाद में भी सीएफसी कायम करने की स्वीकृति दे दी है। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा वाराणसी और उडूपी में दो नए जेम एंड ज्वैलरी इंस्टीट्यूट स्थापित किए गए हैं।
 अग्रवाल को पहले ही राजस्थान सरकार के अधिकारियों से सैद्धांतिक समर्थन मिल चुका है। आईआईजेएस सिग्नेचर 2019 के दौरान राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव-उद्योग डॉ. सुबोधकुमार अग्रवाल ने कहा था, “हम जयपुर को दुनिया में रत्न और आभूषण की राजधानी बनाना चाहते हैं। प्रौद्योगिकी तेजी से बढ़ रही है और नवाचार के साथ-साथ दौड में और आगे रहने की कुंजी भी यही है। रत्न और आभूषण व्यवसाय रोजगार पैदा करता है और यह उद्योग गैर-प्रदूषणकारी भी है। राजस्थान सरकार अब ऐसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई औद्योगिक नीति बनाने की प्रक्रिया में है। एमएसएमई के लिए हम स्वनियमन को बढावा देना चाहते हैं और साथ ही 3 वर्षों के लिए उन्हें सभी नियमों से छूट देना चाहते हैं।‘‘
जीजेईपीसी के अध्यक्ष  अग्रवाल केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित रत्न और आभूषण क्षेत्र की घरेलू परिषद के लिए तदर्थ समिति के प्रमुख हैं और भारतीय स्वर्णकार संघ, जयपुर रत्न और आभूषण उद्योग के लिए घरेलू परिषद के गठन की प्रक्रिया का हिस्सा है। इसमें  दुलीचंद करेल (अध्यक्ष-भारतीय स्वर्णकार संघ, जयपुर) प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
 अग्रवाल ने सरकार से सोने पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने की मांग की है, कट और पॉलिश किए गए हीरे और रत्न पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर अपने 2.5 प्रतिशत के पहले के स्तर पर लाने की मांग की है। साथ ही, पूर्ववर्ती वर्ष में निर्यात किए गए कट और पॉलिश किए गए हीरे की एफओबी वैल्यू के 5 प्रतिशत के बराबर हिस्से के आयात को ड्यूटी फ्री करने, उधार देने के लिए इस सैक्टर को प्राथमिकता क्षेत्र घोषित करने और देश में स्पेशल इकोनॉमिक जोन के लिए बाबा कल्याणी रिपोर्ट को लागू करने की मांग भी की है।
 अग्रवाल ने यह भी कहा कि इन व्यापार अनुकूल नीतियों से कारोबार करने में आसानी होगी और वर्ष 2025 तक 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात तक पहुंचने और 20 लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा करने के अपने सपने को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।
जीजेईपीसी ने क्लस्टर मैपिंग सर्वेक्षण शुरू किया है, जो नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा किया जा रहा है। काउंसिल इस सर्वे के दौरान भारत में रत्न और आभूषण क्लस्टर को और मजबूत बनाने के लिए जरूरी उपायों के बारे में सुझाव देगी, ताकि वे अपने द्वारा निर्मित उत्पादों का निर्यात कर सकें। इस सर्वे में राजस्थान के क्लस्टर भी शामिल किए जाएंगे।

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