नई दिल्ली. विविध प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता समूह ने जयपुर के चाकसू ब्लॉक में 500 वें नंदघर के उद्घाटन की घोषणा की। इसके साथ ही कंपनी ने 17,000 से अधिक बच्चों और 15,000 महिलाओं तक पहुंच बनाई है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कंपनी ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में छोटे बच्चों के विकास की राह का नेतृत्व करने का लक्ष्य रखा है।
वेदांता ने अगले कुछ वर्षों में पूरे भारत में 4,000 नंदघर स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये के खर्च की योजना बनाई है।
बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, राष्ट्रीय पोषण मिशन, स्वच्छ भारत, महिला कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता और मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल ‘‘आदर्श आंगनवाड़ी‘‘ बनाने का इरादा रखती है। और ऐसा सिर्फ बुनियादी ढांचे या सेवाओं की शर्तों के आधार पर नहीं, बल्कि इस लिहाज से भी कि कैसे समुदाय बच्चों और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करते हैं और किस प्रकार उनसे निपटते हैं।
वेदांता ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा, ‘‘हम दृढ़ता से मानते हैं कि एक राष्ट्र केवल महिलाओं और बच्चों के भविष्य में निवेश करके ही प्रगति के रास्ते पर आगे बढ सकता है। इस विचारधारा के अनुरूप, वेदांता समूह केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से 11 राज्यों में 4,000 नंदघर बना रहा है, जो अंततः 14 लाख आंगनवाड़ियों के परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेंगे और इस प्रकार 8.5 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।‘‘
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारा प्राथमिक ध्यान बच्चों और महिलाओं के समग्र विकास के साथ जमीनी स्तर पर काम शुरू करना है, क्योंकि इनसे ही हमारे राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। यह परियोजना पूर्व-प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, बच्चों के लिए पोषण और ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तीकरण से संबंधित मुद्दों का सामना करती है।‘‘
एक बेहतर भारत का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि नंदघर का सामुदायिक संसाधन केंद्रों के रूप में उपयोग करते हुए हर साल 4 लाख सामुदायिक सदस्यों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास किया जाए। इन 500 नंदघर के माध्यम से, वेदांता बच्चों और महिलाओं के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नंदघर एक शानदार और रंगारंग क्लासरूम, एक सुरक्षित खेल का मैदान, ई-लर्निंग, पौष्टिक भोजन के लिए प्रावधान, सौर पैनल और मोबाइल हेल्थकेयर वैन से सुसज्जित हैं, ताकि न केवल बच्चों और महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के कल्याण और विकास को सुनिश्चित किया जा सके। छोटी उम्र में ही बच्चों के बीच सुरक्षित और बेहतर स्वच्छता प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए नंदघर स्वच्छ शौचालयों से भी सुसज्जित हैं।
नंदघर में प्रदान की जाने वाली मुख्य सेवाओं में बचपन की शिक्षा और बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन, महिलाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण और संपूर्ण समुदाय के लिए मोबाइल स्वास्थ्य वैन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, हर दिन 11,000 से अधिक बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, 15,000 से अधिक सामुदायिक सदस्य मोबाइल स्वास्थ्य वैन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली 20 से अधिक स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
आगे चलकर नंदघर को समुदाय की महिलाओं के लिए कौशल विकास के केंद्र के रूप में उपयोग किया जाता है। उन्हें आमदनी जुटाने के लिए सीखने योग्य कारोबार के साथ व्यापार कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। 8,000 से अधिक महिलाओं को कार्यक्रम के माध्यम से कवर किया गया है, जिन्हें प्रति माह औसतन 3,510 रुपए की आय होती है। उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए माइक्रो क्रेडिट भी प्रदान किया जाता है।
श्री अग्रवाल ने समाज को अपनी 75 प्रतिशत संपत्ति वापस देने की प्रतिज्ञा के अनुरूप दो वर्षों के अल्प समय में ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 500 नंदघर का निर्माण करके देश की महिलाओं और बच्चों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया है।
नंदघर पहल का उद्देश्य न केवल एक एकीकृत सेवा वितरण मॉडल का प्रदर्शन करना है, जो सरकार की प्रमुख एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम (आईसीडीएस) की कुछ मुख्य चुनौतियों का समाधान करता है, बल्कि बड़े पैमाने पर और भौगोलिक विविधता के साथ इसका प्रदर्शन करने का भी प्रयास करता है।
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