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Friday, April 12, 2019

जीजेईपीसी द्वारा छठवे इंडिया जेम स्टोन वीक का आगाज किया



Press Release - New markets tapped, a host of new buyers to visit 6th edition of India Gemstone Week organised by GJEPC

जयपुर। भारत में रत्न एवं आभूषण उद्योंग की शीर्ष संस्था. जेम एंड ज्वैलरी प्रमोशन काउंसिल द्वारा जयपुर में 6ठ वें इंडिया जेम स्टोन वीक का शानदार शुरूआत किया गया। इस आयोजन का उद्घाटन जीजेईपीसी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार अग्रवाल के हाथों हुआ, इसके अलावा निर्मल बरडिया- क्षेत्रीय अध्यक्ष, विजय केडिया- सह-संयोजक, रंगीन रत्न पैनल, सब्यासाची राय - कार्यकारी निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और भारतीय प्रदर्शकों की उपस्थिती मे सम्पन्न हुआ।
जीजेइपीसी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार अग्रवाल ने वहाँ उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय रंगीन रत्न उद्योग प्रीसियस व सेमी प्रीसियस जेम स्टोन के लिए बेहतरीन कटिंग सेंटरों में से एक रहा है। भारत में यह उद्योग 300 से अधिक वर्षों से है और वर्तमान में 3 लाख लोग सीधे रत्न व्यवसाय से जुड़े हैं। 2017 के 420.79 मिलियन यूएस डॉलर की तुलना में, 2018 में भारत से रंगीन रत्नों का निर्यात 421.73 मिलियन यूएस डॉलर था। नए बाजारों की खोज कर जीजेईपीसी लगातार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है।
हम इस क्षेत्र को बेहतर आधारभूत संरचना, कौशल उन्नयन, इंडियन जेम स्टोन वीक जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से मिलने का अवसर प्रदान करके विकसित कर रहे हैं।
जीजेईपीसी दुनिया भर में विभिन्न खनन स्थलों की खनन कंपनियों के साथ बीएसएम का आयोजन कर रहा है। हमारा प्रयास इस क्षेत्र में रोजगार पैदा कर, अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को सुधारना होगा।
प्रमोद कुमार अग्रवाल ने आगे बताया कि इंडिया जेम स्टोन वीक प्रीसियस व सेमी - प्रीसियस दोनों प्रकार के विश्वस्तरीय कट और पॉलिश किए गए रत्न निर्माण में भारत की ताकत और क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक आदर्श अवसर है। खरीदारों के लिए, यह जेमस्टोन सोर्सिंग के लिए निर्माताओं से मिलने, आपूर्ति श्रृंखला, व्यवसाय के नियमों और संस्कृति को समझने का अवसर होगा।
अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के संयोजक, दिलीप शाह ने कहा, “इंडिया जेम स्टोन वीक को अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और प्रदर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया और समर्थन मिला है। अगले तीन दिनों में, लगभग 75 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के लिए लगभग 30 प्रदर्शक प्रीसियस व सेमी प्रीसियस रत्नों का प्रदर्शन करेंगे। इस आयोजन में अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राजील, चीन, मिस्र, फ्रांस, इटली, जॉर्डन, लेबनान, लक्समबर्ग, रूस, स्पेन, स्वीडन, थाईलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका और उजबेकिस्तान से खरीदार शामिल हैं। दिलीप शाह ने आगे बताया कि “आज, भारत गुणवत्ता वाले रत्नों और आभूषणों के लिए पसंदीदा सोर्सिंग गंतव्य है। उद्योग ने हमेशा नैतिक व्यापारिक कार्य प्रणालियों का पालन किया है और यहां के निर्यातक कानून का पालन करते हुए सभी मानदंडों और नियमों का पालन करते हैं, जिसे बेहद ही कर्मठतापूर्वक निर्धारित किया गया है”।
इंडिया जेमस्टोन वीक क्रेता विक्रेता मीट (बीएसएम) और एक खुली प्रदर्शनी का मिश्रण होगा। पहले दिन पूर्व निर्धारित खरीदवार व विक्रेताओं के बीच लगभग 30 मिनट का वन- टू- वन का आयोजन किया जाएगा व तीसरे दिन प्रदर्शनी का आयोजन होगा।
जयपुर को एमराल्ड, टैन्ज़ाइट, मॉर्गनाइट और कई अन्य कटिंग रत्नों के लिए सबसे अच्छे केंद्रों में से एक माना जाता है। यह 300 से अधिक विभिन्न प्रकार के प्रीसियस व सेमी प्रीसियय रत्न तैयार करता है और इस उद्योग से अकेले 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त है।
वैश्विक बाजार की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के उद्देश्य से व इस क्षेत्र से जुड़े कारीगरों को बेहतर बुनियादी ढांचा व अन्य सुविधाओं की पूर्ति के लिए जीजेईपीसी की जयपुर में जेम बोर्स स्थापित करने की योजना है। जेम बोर्स एक ही स्थान पर 2000 से अधिक रंगीन रत्न निर्माताओं और व्यापारियों के साथ-साथ कस्टम, कस्टम बोडेंड एरिया, बैंकों और अन्य सेवा प्रदाताओं के कार्यालयों का निर्माण करेगा। यह अपनी तरह का पहला ऐसा स्थान होगा जो रंगीन रत्नों के अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा जो किसी भी तरह के रत्नों के लिए एक स्थान पर उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
भारतीय रत्न तथा आभूषण उद्योग बड़े पैमाने पर परोपकारी और धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल रहा है, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में। उद्योग ने राष्ट्रीय आपदाओं और आपातकालीन स्थितियों पर बड़ी मुस्तैदी से सहायता प्रदान दी है। जीजेईपीसी ने "ज्वैलर्स फॉर होप" के माध्यम से बालिकाओं को शिक्षा, स्वच्छता, आदिवासी शिक्षा और कैंसर रोगियों के उपचार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बुनियादी ढांचे और कौशल विकास के माध्यम से रत्न और आभूषण उद्योग को विकसित करने के अपने निरंतर प्रयास के अलावा, भारतीय उद्योग नैतिक व्यावसायिक कार्य प्रणालियों का पालन कर रहा है और विश्व व्यापार मानकों का अनुपालन कर रहा है, जिसने भारत को गुणवत्ता वाले रत्न और आभूषणों के लिए आदर्श गंतव्य बनाया है।

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