भारत। इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष’19 में 3213 करोड़ रु. का कुल संग्रह किया, जबकि वित्त वर्ष’18 में यह 2309 करोड़ रु. था। इसने 2073 करोड़ रु. का नया बिजनेस प्रीमियम हासिल किया और रिन्यूअल प्रीमियम 1140 करोड़ रु. हासिल किया, जबकि वित्त वर्ष’18 में नये बिजनेस प्रीमियम का कुल कलेक्शन 1497 करोड़ और रिन्यूअल प्रीमियम कलेक्शन 812 करोड़ रु. रहा।
नये व्यवसाय का कुल एपीई वित्त वर्ष’18 के 783 करोड़ रु. से 23 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष’19 में 961 करोड़ रु. का हो गया, जबकि रिटेल एपीई वित्त वर्ष’18 के 575 करोड़ रु. से 18 प्रतिशत की दर से बढ़कर वित्त वर्ष’19 में 681 करोड़ रु. हो गया।
वित्त वर्ष’19 में, इंडियाफर्स्ट ने दावा निपटारा अनुपात 94.23 प्रतिशत दर्ज कराया और इसने लगभग 18627 परिवारों को सहारा दिया व 362 करोड़ रु. से अधिक के दावे का भुगतान किया।
इंडियाफर्स्ट लाइफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आर एम विशाखा ने कहा, ‘‘कंपनी का दावा निपटारा अनुपात बढ़कर वित्त वर्ष’19 में 94.23 प्रतिशत हो जाने से हमारे ग्राहकों का हमारे उपर विश्वास और भरोसा जमेगा। चूंकि यह हमारे कारोबार का 10वां वर्ष है और हम अत्यंत विश्वसनीयता के जरिए अपने ग्राहकों की सर्विसिंग हेतु हमारी ‘सर्किल ऑफ ट्रस्ट’ की फिलॉसफी का पालन करते हुए और ग्राहकों को बनाये रखते हुए उत्पादकता और किफायतीपन को बढ़ाने पर ध्यान देते रहेंगे।’’
इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस की शाखाओं की संख्या में 26 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अधिक विस्तृत ग्राहक आधार होगा। इंडियाफर्स्ट की शाखाओं में बैंक ऑफ बड़ौदा की 9606 शाखाएं (हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय हो गया), आंध्र बैंक की 2988 शाखाएं और 2367 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) शाखाएं शामिल हैं। वित्त वर्ष’18 की तुलना में वित्तीय वर्ष’19 के अंत तक कार्यबल में 37 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, कंपनी उच्च अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अच्छी तरह सुसज्जित है।
उन्होंने आगे बताया, ‘‘जनक समूह के साथ, बैंक ऑफ बड़ौदा भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है, और प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिनकस द्वारा अब तक के सहयोगी लीगल ऐंड जनरल्स की हिस्सेदारी खरीदने के साथ, हम विकास के अगले चरण के लिए तैयार हैं।’’
कर-पश्चात मुनाफा 20 प्रतिशत की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि के साथ वित्त वर्ष’18 के 51.2 करोड़ रु. से बढ़कर वित्त वर्ष’19 में 61.6 करोड़ रु. हो चुका है। वर्ष 2009 में परिचालन शुरू करने वाली, इस कंपनी की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 31 मार्च, 2019 को 15,153 करोड़ रु. हो गई।
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