यात्रा के लिए ऋण आवेदनों में 55 फीसदी की वृद्धि
मुंबई/नई दिल्ली। नए दौर के डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्म इंडियालेंड्स ने गर्मी की छुट्टियों से पहले यात्राओं के मकसद से व्यक्तिगत ऋण चाहने वालों में 55 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। इनमें से 85 फीसदी ऋण आवेदन सहस्त्राब्दी या मिलेनियम पीढ़ी के हैं, जो कि 30,000 से लेकर 2,50,000 रुपए तक के ऋण मांग रहे हैं। इनमें से बहुत-से ट्रेवल-प्लान लॉन्ग वीकेंड या लास्ट मिनट हॉलिडे-प्लानिंग का परिणाम हैं, जिनमें होने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऐसा कोई विकल्प चाहिए जो तत्काल ऋण उपलब्ध करवा सके।
देश में युवा पीढ़ी के सभी नए वेतनभोगी और तकनीक के जानकार पेशेवरों को पारंपरिक बैंकों से संपर्क करने का विचार अक्सर अनुचित लगता है। बैंकों से ऋण प्राप्त करना लंबी और थका देने वाली प्रक्रिया हो सकती है। दूसरी ओर, डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्म्स ने पहले कभी ऋण नहीं लेने वाले नए वेतनभोगी व्यक्तियों तक को लोन तक आसान पहुंच प्रदान की है।
इंडियालेंड्स के संस्थापक और सीईओ गौरव चोपड़ा ने कहा, ’भारत की युवा पीढ़ी में छुट्टियां मनाने और वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर जो चेतना जगी है, वह महत्वपूर्ण है। यह जागृति ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ट्रेवल में वृद्धि का कारण बनी है।’
’मिलेनियल्स की बढ़ती संख्या, अपने सैर-सपाटे के शौक को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन ले रही है। कई मामलों में, ऋण राशि एक सेफ्टी-कुशन है जो किसी गंतव्य का पूरा लुत्फ उठाने में उनकी मदद करती है। युवा भारतीयों की नई पीढ़ी अब हॉलिडे लोन की योजना वैसे ही बना रही है, जैसे निवेश की बनाती है।’
उन्होंने आगे कहा, ’वित्तीय योजना के मामले में युवा पीढ़ी में बदलाव आया है। न केवल वे ऋण ले रहे हैं, जिनके पास पर्याप्त बचत नहीं है, बल्कि वे भी जो बेहतर यात्रा के अनुभव चाहते हैं या बेहतर गंतव्य की यात्रा करना चाहते हैं। यह डिजिटल ऋण देने के चलन की लोकप्रियता को भी इंगित करता है जो भारत में पर्याप्त रूप से बढ़ रहा हैं। नई पीढ़ी के ग्राहकों के लिए, सर्विसिंग कंपनी को चुनने के लिए सेवाओं में आसानी महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक है।’
भारत के आंकड़ों के अनुसार, ऋण लेने वाले आमतौर पर ’वीजा ऑन अराइवल’ की सुविधा वाले देशों को चुनते हैं, क्योंकि अधिकांश मिलेनियल्स, एकाएक घूमने की योजना बनाते हैं और तत्काल ऋण लेते हैं। इनमें थाईलैंड, दुबई, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल, मालदीव, भूटान जैसे देश शामिल हैं। दूसरी ओर, उनके पास यूरोप, अमरीका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की लक्जरी छुट्टियों के लिए ऋण लेने वाले ग्राहक भी हैं।
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