राष्ट्रीय। ओडिशा के लगभग 10 मिलियन लोग चक्रवाती तूफान फानी के बाद से बिजली का संकट झेल रहे हैं, यह तूफान पिछले सप्ताह 200 कि.मी./घंटा की गति से ओडिशा से टकराया था। सरकारी आकलन के अनुसार, राजधानी भुवनेश्वर समेत ओडिशा के अधिकतर तटीय क्षेत्रों में बिजली के 100,000 खंभे उखड़ गये, कई सबस्टेशन नष्ट हो गये और लो ट्रांसमिशन लाइंस पूरी तरह टूट गईं। इस स्थिति में टाटा पावर ने ओडिशा में जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने में योगदान देने का निर्णय लिया है। टाटा पावर-डीडीएल ने ओडिशा में बिजली के क्षतिग्रस्त नेटवर्क को ठीक करने में राज्य सरकार को मदद करने के लिए अपने नियमित परिचालन से 25 इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम भेजी है।
ओडिशा के लिये निकलने से पहले, इस टीम ने स्थिति को समझने के लिये भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकरण (एनडीएमए) और ओडिशा राज्य प्रशासन से रिपोर्ट ली।
टाटा पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘‘टाटा ग्रुप का अभिन्न अंग होने के नाते हम जरूरत के समय हमेशा भारतीयों के साथ खड़े रहे हैं। हमारा देश तूफान से जिस तरह निपटा है, उसकी विश्व ने सराहना की है और अब हमें मिलकर ओडिशा की स्थिति सुधारने के लिये प्रयास करना चाहिये। उपकरणों के साथ हमारे इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम ओडिशा पहुँच चुकी है और विद्युत आपूर्ति को तेजी से बहाल करने में मदद कर रही है।’’
टाटा पावर- डीडीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय बंगा ने कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति जल्दी ठीक होने से राहत और पुनर्वास कार्य में उल्लेखनीय मदद मिलेगी। इससे लोगों का विश्वास लौटेगा और यह संदेश भी जाएगा कि स्थिति नियंत्रण में है। ओडिशा की तीव्र क्षतिपूर्ति के लिए हम अपना योगदान देकर खुश हैं।’’
टाटा पावर सोलर ने भी तत्काल राहत पहुंचाने के लिए गांववालों को करीब 4000 सोलर लैंटर्न्स वितरित किये हैं।
बिजली की लाइनों को ठीक करने में टाटा पावर की टीम को टाटा स्टील- कलिंगनगर और जेयूएससीओ से सहयोग मिल रहा है। एयर विस्तारा ने भी टीम को यात्रा में सहयोग दिया है। टाटा ट्रस्ट्स और टाटा प्रोजेक्ट्स कम्युनिटी डेवलपमेन्ट ट्रस्ट प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति कर रहे हैं।
टाटा पावर हमेशा जरूरत के समय देश के लोगों की मदद करने में आगे रहा है। टाटा पावर ने हाल ही में केरल में आई भयानक विनाशकारी बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास कार्य में मदद की और बिजली आपूर्ति तेजी से बहाल करने के लिये केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को 473 कि.मी. केबल दिये। उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान भी, टाटा पावर के इंजीनियरों एवं तकनीशियनों ने उत्तरांचल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के साथ मिलकर काम किया और उत्तरकाशी एवं रूद्रप्रयाग जिले में उखीमठ और चमोली जिले में जोशीमठ और नारायणबागर में रिकॉर्ड समय में 33केवी एवं 11केवी लाइंस को बहाल करने में उनकी मदद की। जून 2014 में भी, टाटा पावर-डीडीएल, टाटा पावर एवं दिल्ली सरकार के संयुक्त उपक्रम ने दिल्ली में विद्युत नेटवर्क के संकट को दक्षता से प्रबंधित किया और शहर में रिकॉर्ड रफ्तार से आए विनाशकारी तूफान के बाद क्षतिग्रस्त नेटवर्क को बहाल किया।
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