नई दिल्ली ।भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीइ) ने 48-सदस्यीय दल की घोषणा की है जो विश्व में वर्ल्डस्किल्स इंटरनेशनल कॉम्पीटीशन 2019 के नाम से विख्यात कौशल उत्कृष्टता के सबसे बड़े प्रदर्शन में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. यह प्रतियोगिता, जिसे ‘ओलिंपिक फॉर स्किल्स’ (कुशलताओं का ओलिंपिक) भी कहा जाता है, कज़ान, रूस में 22 से 27 अगस्त 2019 तक होगी. 60 देशों के 1,500 से अधिक प्रतियोगी इस विशाल आयोजन में 55 कौशल प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे. भारत 44 प्रकार के कौशल में भाग ले रहा है जिनमें मोबाइल रोबोटिक्स, प्रोटोटाइप मॉडलिंग, हेयरड्रेसिंग, बेकिंग, कन्फेक्शनरी और पेटीसरी, वेल्डिंग, ब्रिक लेइंग, कार पेंटिंग, फ्लोरिस्ट्री एवं अन्य सम्मिलित हैं.
एमएसडीइ के तत्वावधान में नैशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएसडीसी) वर्ष 2011 से इस द्विवार्षिक आयोजन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहा है. 2017 अबू धाबी में संपन्न पिछले संस्करण के दौरान भारत ने एक रजत, एक कांस्य और नौ उत्कृष्टता पदक जीते थे. भारत इन इस आयोजन में सहभागी 56 देशों में 19वाँ स्थान हासिल किया था, जो इस आयोजन में भागीदारी के बाद से अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
वर्ल्डस्किल्स 2019 की राह पर
वर्ल्डस्किल्स 2019 के लिए टीम इंडिया के चुनाव की शुरुआत जनवरी 2018 में ही इंडियास्किल्स कॉम्पीटीशन पर एक योजना की शुरुआत के साथ हो गयी थी. 22 से अधिक राज्यों के मिलकर मार्च और अप्रैल 2018 में करीब 500 जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया. इन आयोजनों के विजेताओं के बीच चार क्षेत्रीय प्रतियोगिताएँ जयपुर, लखनऊ, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में आयोजित की गयीं.
क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं ने आगे 2 से 6 अक्टूबर 2018 को दिल्ली स्थित एरोसिटी ग्राउंड्स में आयोजित नैशनल कॉम्पीटीशन में परस्पर मुकाबला किया. तब से चयनित अभ्यर्थी श्रमसाध्य प्रशिक्षण ले रहे हैं और अपनी कुशलताओं को निखारने तथा अपेक्षित अनुभव हासिल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग भी लेते रहे हैं. अधिकाँश प्रतियोगियों को विदेशी केन्द्रों में भी प्रशिक्षण मिला है जिससे उनकी कुशलताओं में महत्वपूर सुधार हुआ है.
टीम इंडिया में देश भर के प्रतिभागी सम्मिलित है, जिनमें 6 पूर्वोत्तर क्षेत्र से आते हैं. प्रभागियों में 77% टियर2 और टियर3 शहरों के हैं और 10 अलग-अलग भाषा-भाषी हैं. इनमें से अधिकाँश प्रतियोगी अत्यंत साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं. 35% के माता-पिता या तो खेतों में काम करते हैं या दिहाड़ी मजदूर हैं.
टीम इंडिया की घोषणा करते हुए, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि, “वर्ल्डस्किल्स कॉम्पीटीशन के माध्यम से हम अपने देश के युवाओं को दुनिया भर के समकक्ष युवाओं से प्रतिस्पर्धा करने, उनसे सीखने का अवसर देना चाहते हैं. ऐसी पहलों से हमें अपनी कुशलताओं को वैश्विक मानदंड के स्तर पर पहुंचाने में भी मदद मिलती है. इससे भारत में व्यावसायिक प्रशिक्षण की सामान्य गुणवत्ता में इजाफा होगा. ये युवा प्रतियोगी जिस लगन और समर्पण के साथ वर्ल्डस्किल्स के लिए तैयारी कर रहे हैं, उसे देखकर गर्व होता है. मैं उन सभी को उनकी अभी तक की उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूँ और उनके भावी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूँ. मुझे यकीन है कि वे भविष्य के प्रतियोगियों के लिए और उन सभी लोगों के लिए जो व्यावसायिक प्रशिक्षण के सहारे अपनी आजीविका में आगे बढ़ना चाहते हैं, प्रेरणा बनेंगे.”
सहयोगी
मारुति सुजुकी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, टोयोटा, फेस्टो, वीएलसीसी, गोदरेज, ऐग्जाल्टा, अपोलो, बर्जर पेंट्स, सिस्को, कैप्ले, सेंट गोबैन, इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट (आइएचएम), श्नाईडर, पर्ल अकैडमी, एनटीटीएफ, दाईकिन, एलऐंडटी, आदि सहित 100 से अधिक कॉर्पोरेट कंपनियाँ और शैक्षणिक संस्थान इस पहल में सहयोग कर रहे हैं. इन कॉर्पोरेट संगठनों ने एक उस्ताद प्रशिक्षक/विशेषज्ञ की पहचान करने में भी मदद की है जो प्रत्येक प्रतियोगी को प्रत्यक्ष व्यावहारिक प्रशिक्षण देते हैं और दैनिक आधार पर उनकी प्रगति पर नजर रखते हैं.
इस साल वर्ल्डस्किल्स में छठे सबसे बड़े जत्थे के रूप में टीम इंडिया पिछली प्रतियोगिता (अबू धाबी, 2017) से बेहतर प्रदर्शन करने और देश का मान बढ़ाने की आकांक्षा रखती है.
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