मुंबई। रत्न तथा आभूषण उद्योग के लिए राहत की सांस लेने वाली सूचना है, क्योंकि वित्त मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के उद्देश्य से देश के बाहर भेजे जाने वाले रत्न तथा आभूषण पर कोई आईजीएसटी नहीं लगाए जाने की घोषणा की है। अब तक प्रर्दशनी के उद्देश्य से देश के बाहर भेजे जाने वाले रत्न तथा आभूषणों को रिइम्पोर्ट के दायरे गिनते हुए आईजीएसटी लगाया जाता था। यह ट्रेड व उद्योग द्वारा वित्त मंत्रालय में लगातार इस मुद्दे के प्रतिनिधित्व व अथक प्रयास के कारण संभव हुआ है।
भारत सरकार के बयान से स्पष्ट होता है कि प्रदर्शनी या निर्यात संवर्धन के लिए कन्साइनमेंट के रूप में भारत से बाहर भेजे/ लाने वाले माल की प्रक्रिया को सप्लाई के रूप में नहीं गिना जाएगा, क्योंकि उक्त गतिविधि सीजीएसटी एक्ट के सेक्शन 7 के दायरे में नहीं आती है। चूंकि इस तरह की गतिविधि आपूर्ति (सप्लाई) नहीं है, इसलिए इसे "शून्य रेटेड आपूर्ति" के रूप में नहीं माना जा सकता है, जैसा कि IGST अधिनियम की धारा 16 में निहित प्रावधानों के अनुसार है।
इस विकासात्मक कदम पर टिप्पणी करते हुए, प्रमोद कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने कहा, "संपूर्ण रत्न तथा आभूषण उद्योग इस व्यापार अनुकूल कदम के
इस विकासात्मक कदम पर टिप्पणी करते हुए, प्रमोद कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने कहा, "संपूर्ण रत्न तथा आभूषण उद्योग इस व्यापार अनुकूल कदम के
लिए सरकार का आभारी है जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार गतिविधियों को और बढ़ावा देगा। उद्योग के शीर्ष निकाय के रूप में, प्रतिनिधित्व करते समय हमने इस मुद्दे को हल करने की दिशा में अपने वास्तविक प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह कदम निश्चित रूप से हमारे सदस्य निर्यातकों को राहत प्रदान करेगा। ”
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र यह भी स्पष्ट करता है कि निर्यात प्रोत्साहन के लिए प्रदर्शनियों या कन्साइनमेंट के आधार पर माल भारत से बाहर भेजने / लेने जाने की गतिविधि को आपूर्ति (सप्लाई) नहीं माना जाएगा।
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