टेक्सटाइल उत्पादों के निर्माण का लक्ष्य
मुंबई, अंतरन (टाटा ट्रस्ट्स की पहल) और यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन (यूएएल) ने साथ मिलकर भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में हैंडलूम उद्यम को पुनर्जीवित करने का उद्देश्य तय किया है।
कारीगरों और बुनकरों को लगातार काम मिलता रहे, उनकी कला को प्रोत्साहन मिले और उनके जीवन में खुशहाली आए इसके लिए शिक्षा और सीखने का माहौल बनाने में यह साझेदारी काम आएगी। यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्ट्स लंदन के छात्र एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इन क्षेत्रों का दौरा करेंगे और सीधे कारीगरों के साथ बातचीत करेंगे। आपसी सहयोग से प्रोजेक्ट्स चलाए जा सके इस दृष्टि से कारीगरों के साथ डॉक्यूमेन्टेशन और अनुसन्धान सामग्री का आदानप्रदान करने की भी उनकी योजना है। सबसे नीचले स्तर के बुनकरों को तक पहुँच पाने में और दोनों के लिए लाभकारी और विकासशील इकोसिस्टम निर्माण कर पाने में यह साझेदारी मददगार साबित होगी।
इस साझेदारी के बारे में टाटा ट्रस्ट्स के क्राफ्ट्स विभाग के मुख्य शारदा गौतम ने बताया, "यूएएल और टाटा ट्रस्ट्स की साझेदारी कारीगरी क्षेत्र और कारीगरों के लिए एक अनूठा अवसर साबित होगी। शिक्षा, भाषा, संस्कृति और भौगोलिक सीमाओं को लांघते हुए लंदन के डिज़ाइन के छात्र ओडिशा, असम और नागालैंड के कारीगर उद्यमियों के साथ मिलकर पहले से निर्देशित शर्तों के अनुसार टेक्सटाइल उत्पादों का निर्माण करेंगे।"
यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन की इंटरनेशनल रिलेशन्स की डायरेक्टर जूलिएट सार्जेंट ने कहा, "इस अनोखे प्रोजेक्ट के लिए टाटा ट्रस्ट्स और कारीगरों के साथ सहयोग करते हुए हमें बहुत ख़ुशी हो रही है। यह साझेदारी यूएएल छात्रों को स्थानीय बुनकर समुदायों के साथ सहयोग के जरिए काम करने और सीखने का अच्छा अवसर प्रदान करेगी। कला, रचना और रचनात्मकता से सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक न्याय तक के सफर का यह एक आदर्श उदहारण बनेगा। यह पहल सभी साझेदारों के लिए लाभकारी और दीर्घकाल तक प्रभावकारी सिद्ध होगी।"
यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन यह दुनिया की अग्रणी यूनिवर्सिटी है जिसमें छह नामचीन कॉलेजेस शामिल हैं - केम्बरवेल कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, सेंट्रल सेंट मार्टिन्स, चेल्सी कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, लंदन कॉलेज ऑफ़ कम्युनिकेशन, लंदन कॉलेज ऑफ़ फैशन और विम्बल्डन कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स। कला, रचना, फैशन कम्युनिकेशन और प्रदर्शन कलाओं में व्यापक कोर्सेस यहाँ चलाए जाते हैं। सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए बल के रूप में रचनात्मकता की भूमिका पर अपने अनुसन्धान के लिए भी यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन प्रख्यात है।
कारीगरों को डिजायनर्स और उद्यमियों के रूप में विक्सित करने के व्यापक कार्यक्रम के जरिए मंदी से घिरे हुए हैंडलूम क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए टाटा ट्रस्ट्स ने 'अंतरन' पहल शुरू की है। 'अंतरन' के तहत टाटा ट्रस्ट्स ने ओडिशा, असम और नागालैंड में काफी बड़ा काम शुरू किया है। प्री-लूम, ऑन-लूम और पोस्ट लूम प्रक्रियाओं में काम करनेवाले 3000 कारीगरों को इसके लाभ मिलेंगे, इन क्षेत्रों के 6 बुनकारी इलाकों के बुनकरों के जीवनमान में परिवर्तन लाया जाएगा। अगले आठ महीनों में इस कार्यक्रम को आंध्र प्रदेश में भी शुरू किया जाएगा।
भारत में करीबन सात मिलियन से ज्यादा परिवारों का गुजारा कलाकारी क्षेत्र से चलता है। टाटा ट्रस्ट्स और यूएएल की साझेदारी कारीगरों और कुल मिलाकर इस क्षेत्र को अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करने और उसे अधिक बढ़ाने के लिए प्रभावकारी मंच प्रदान करेगी। 'अंतरन' में कारीगरों को मार्केट के साथ जोड़ना यही उद्देश्य नहीं है, बल्कि उन्हें अन्य साझेदारों और हितधारकों के साथ भी जोड़ा जाता है, जो वर्तमान कार्यक्रम में अपनी विशेष कलाएं और ज्ञान का योगदान दे सकते हैं। भारत के चिरस्थायी विकास लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान देना टाटा ट्रस्ट्स का संकल्प है और इस दिशा में उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों में 'अंतरन' जैसे कार्यक्रम उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं।
यूएएल
यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन में कला, रचना, फैशन कम्युनिकेशन और प्रदर्शन कलाओं में व्यापक कोर्सेस चलाए जाते हैं। हमारे ग्रेजुएट्स दुनियाभर के रचनात्मक उद्यमों के साथ काम करते हैं और उन्हें विकसित करते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ़ द आर्ट्स लंदन को 2019 क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में आर्ट और डिज़ाइन के लिए दुनिया में द्वितीय रैंकिंग मिला है। दुनियाभर में यह यूनिवर्सिटी प्रख्यात हैं, यहाँ छह उतने ही नामचीन कॉलेजेस हैं: केम्बरवेल कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, सेंट्रल सेंट मार्टिन्स, चेल्सी कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, लंदन कॉलेज ऑफ़ कम्युनिकेशन, लंदन कॉलेज ऑफ़ फैशन और विम्बल्डन कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स। यहाँ दुनिया के 130 देशों के 18000 छात्र पढाई कर रहे हैं।
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