नई दिल्ली, भारत सरकार ने उद्योग जगत के दिग्गज अमिताभ बनर्जी को इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईआरएफसी) में प्रबंध निदेशक के तौर पर नियुक्त किया है। आईआरएफसी खास तौर पर भारतीय रेलवे के लिए एक वित्तपोषण शाखा है, जो घरेलू और विदेशी पूंजी बाजारों से धन जुटाने का कार्य करती है।
1988 की सिविल सेवा परीक्षा बैच के एक आईआरएएस कैडर के अधिकारी अमिताभ बनर्जी को 12 अक्टूबर, 2019 को आईआरएफसी बोर्ड में प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने कॉमर्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की है और वे इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के फेलो मेंबर हैं। वे ऑल इंडिया सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (10़2) में रैंक होल्डर (ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में 13 वें स्थान) रह चुके हैं। उन्होंने 5 वर्षों (1980 - 1985) तक राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति (एनटीएस) हासिल की थी।
आईआरएफसी के बोर्ड में शामिल होने से पहले बनर्जी ने अक्टूबर 2013 से कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल) में डायरेक्टर फाइनेंस के तौर पर काम किया है। उन्होंने 3 वर्षों (सितंबर 2010 से अक्टूबर 2013) के दौरान हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसी) में डायरेक्टर फाइनेंस और 5 से अधिक वर्षों तक दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) में जनरल मैनेजर (फाइनेंस) के तौर पर भी काम किया है। डीएमआरसी में कार्य के दौरान उन्होंनेे अन्य कार्यों के अलावा अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण (जेआईसीए से आईडीए ऋण), लेखा संकलन और बजट अनुमानों की तैयारी को अंतिम रूप देने का दायित्व संभाला। मध्य आकार की विभिन्न मेट्रो की वैश्विक संस्था ‘नोवा‘ में वे डीएमआरसी के मनोनीत प्रतिनिधि भी थे। यह दुनिया की 15 प्रमुख मेट्रो रेल कंपनियों का संघ है।
उन्होंने 1989 से 2003 तक रेल मंत्रालय के वित्त विभाग में कई दायित्वों को कुशलतापूर्वक पूरा किया है, जिनमें गेज परिवर्तन, नई लाइनें बिछाने, ट्रैक दोहरीकरण, रेलवे पुलों का निर्माण आदि जैसी प्रमुख परियोजनाएं भी शामिल हैं।
उन्होंने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के कार्यालय में लगभग 2 वर्षों (2003 से 2005) के दौरान निदेशक की क्षमता में भी काम किया है। इस दौरान वे सीएजी के तहत ऑटोनोमस बॉडी- ‘सरकारी लेखा मानक सलाहकार बोर्ड‘ में रेल मंत्रालय के प्रतिनिधि के रूप में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए लेखांकन मानकों के निर्माण में शामिल रहे।
इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेषन (आईआरएफसी) के बारे में
भारतीय रेलवे के लिए घरेलू और विदेशी पूंजी बाजारों से धन जुटाने के काम के लिए एक समर्पित इकाई के तौर पर इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईआरएफसी) की स्थापना 12 दिसंबर, 1986 को की गई थी। आईआरएफसी एक शेड्यूल ‘ए‘ वाला मिनी रत्न रिपब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज है, जो रेलवे मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में है। एक सिस्टेमेटिकली इम्पॉर्टेन्ट नॉन-डिपॉजिट टेकिंग नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी-एनडी-एसआई) और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी-आईएफसी) के तौर पर यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ पंजीकृत है। 31 से अधिक वर्षों के अपने कार्यकाल में आईआरएफसी ने अपने वार्षिक योजना परिव्यय के एक महत्वपूर्ण हिस्से के वित्तपोषण के द्वारा भारतीय रेलवे और संबंधित संस्थाओं के विस्तार में सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आईआरएफसी अपनी स्थापना के बाद से लगातार भारतीय रेलवे की वार्षिक पूंजीगत आवश्यकताओं की एक चौथाई राशि का वित्तपोषण करता रहा है। इसने भविष्य के विकास के लिहाज से भारतीय रेलवे के लिए पूंजी जुटाने को उच्च रणनीतिक महत्व दिया है।
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