जयपुर । एमएसएमई के लिए उनका व्यवसाय शुरू करने, प्रबंधित करने और आगे बढ़ाने के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, इंस्टामोजो ने अपने भारतीय एमएसएमई इंपैक्ट रिपोर्ट 2019 का द्वितीय संस्करण लॉन्च किया। एमएसएमई का छः महीने तक विस्तार से किये गये विश्लेषण के बाद तैयार, इस रिपोर्ट में एमएसएमई की समस्याओं से जुड़े चार क्षेत्रों - एमएसएमई उद्यमी की परिभाषा, उपस्थित चुनौतियों, फिनटेक वैल्यू परसेप्शन और बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन को रेखांकित किया गया है।
देश भर में मौजूद 63.4 मिलियन एमएसएमई की संख्या के मद्देनजर, वर्तमान में, देश के जीडीपी में एमएसएमई क्षेत्र का योगदान 29 प्रतिशत है। जहां सरकार एमएसएमई को उनके सालाना टर्नओवर के आधार पर परिभाषित करती है, वहीं इस रिपोर्ट में ‘वस्तु बनाम सेवा वर्गीकरण’, कारोबारी श्रेणियों का अधिवर्गीकरण, निवेश की गई ढांचा के प्रकार एवं इंडस्ट्री चेन के भीतर गतिविधि की प्रकृति जैसे प्राथमिक मानदंडों के आधार पर एमएसएमई के स्वरूप को परिभाषित किया गया है।
इस रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि यद्यपि 75 प्रतिशत एमएसएमई का मानना है कि उनके परिचालन से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों को दूर करने में तकनीक सहायक है, वहीं बाकी 25 प्रतिशत एमएसएमई कुशल श्रम बल की कमी और तकनीकी समझ के अभाव जैसे अन्य कारकों को परिचालन की चुनौतियों का कारण मानते हैं। जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद, अनुमानतः 9.2 मिलियन एमएसएमई ने जीएसटी के लिए पंजीकरण कराया, जो कि पिछले कर दायरे के समय की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। भारत में 47 प्रतिशत प्रतिशत एमएसएमई ने व्यवसाय प्रक्रियाओं, भुगतानों एवं ऑनलाइन बिक्रियों के लिए बिजनेस एनालिटिक्स उपकरणों को अपनाया है, और अन्य एमएसएमई द्वारा भी इन उपकरणों को उपयोग में लाये जाने की प्रबल संभावना है।
इंस्टामोजो के सह-संस्थापक एवं सीईओ, सम्पद स्वेन ने बताया, ‘‘एमएसएमई क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है; इस क्षेत्र ने 117 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार दिया है और यह क्षेत्र भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अपना योगदान दे रहा है। हालांकि, अभी भी इस क्षेत्र के समक्ष कई चुनौतियां हैं, जैसे-तकनीकी ज्ञान का अभाव या कुशल कार्यबल की कमी। इंस्टामोजो में, हमने हमेशा से विभिन्न डिजिटल समाधानों के जरिए भारतीय एमएसएमई को सशक्त बनाने में योगदान दिया है और उनके विकास के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किया है। हमारी रिपोर्ट के जरिए, हम एमएसएमई से जुड़े उन तथ्यों को उजागर करने में उनकी आवाज बनना चाहते हैं, जिनसे उनके विकास की गति तीव्र हो जायेगी।’’
यद्यपि, नोटबंदी से भारत में भुगतानों के डिजिटलीकरण को अत्यावश्यक बल मिला, फिर भी नकद की मांग अभी भी बहुत अधिक है और वित्त वर्ष 2018-19 में कुल 33 ट्रिलियन भारतीय रुपये निकाले गये, जो वर्ष 2016-17 के 23.6 ट्रिलियन रुपये की तुलना में 40.27 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकांश एमएसएमई पेमेंट गेटवे लिंक्स को सबसे भरोसामंद चैनल मानते हैं, जबकि 44 प्रतिशत एमएसएमई अभी भी ऑनलाइन पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म्स के बजाये ऋण के पुराने स्रोतों का उपयोग करना चाहते हैं।
निष्कर्षों से पता चलता है कि आसान ट्रांजेक्शन के मद्देनजर, 35 प्रतिशत एमएसएमई डिजिटल भुगतान अपना चुके हैं, जहां डेटा सिंक्रोनाइजेशन एवं गोपनीयता विशेषताओं की उपलब्धता के चलते 9 प्रतिशत एमएसएमई डिजिटल भुगतान अपना चुके हैं और ग्राहकों की पसंद के चलते 11 प्रतिशत एमएसएमई डिजिटल भुगतान अपना चुके हैं।
1 मिलियन मजबूत, संतुष्ट ग्राहक आधार के साथ, इंस्टामोजो अपने वर्तमान एवं निकट भविष्य के प्रोडक्ट फीचर्स में लगातार निवेश कर रहा है। इंस्टामोजो डिजिटल पेमेंट्स से लेकर लॉजिस्टिक्स एवं ऋण तक की अनेक सेवाएं प्रदान करता है। इस सर्वेक्षण में इंस्टामोजो के प्रोडक्ट्स के प्रदर्शन के बारे में ग्राहकों की राय ली गई है, पेमेंट लिंक्स को सर्वाधिक प्रयुक्त उत्पाद माना गया है, जिसके बाद पेमेंट गेटवे और उनके ऑनलाइन स्टोर का स्थान है। उनके आगामी प्लान्स के तहत, इंस्टामोजो का उद्देश्य प्रोमोशनल सेवाएं शुरू करना है, ताकि प्रतिस्पर्द्धी बिजनेस परिदृश्य में प्रासंगिक बने रहने में एमएसएमई को मदद मिल सके।
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