नई दिल्ली। टाटा पावर और द रॉकफेलर फाउंडेशन ने माइक्रोग्रिड्स स्थापित करने के लिये एक बड़ी पहल लॉन्च करने की घोषणा की है। इससे आधुनिक भारत की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक को दूर किया जाएगा और वह है लाखों ग्रामीण घरों और उद्यमों के लिये वहन करने योग्य और विश्वसनीय बिजली का अभाव। टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड एक खोजपरक माइक्रोग्रिड मॉडल पर कार्यांवयन स्मार्ट पावर इंडिया (एसपीआई) और इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेटिव टेक्नोलॉजीस के साथ मिलकर करेगा और लगभग 5 मिलियन परिवारों को शुद्ध बिजली प्रदान करेगा। इससे अगले एक दशक में 25 मिलियन लोग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे।
यह अनूठा गठबंधन ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली देने के लिये भारत सरकार के जारी अभियान को विस्तार देगा। यह पारंपरिक ग्रिड-आधारित बिजली की कम विश्वसनीयता और कवरेज से परेशान परिवारों और व्यवसायों को सेवा देने के लिये नवीकरण योग्य माइक्रोग्रिड्स की क्षमता का उपयोग करेगा।
ग्रामीण व्यवसाय और परिवार अपनी दैनिक जरूरतों के लिये बिजली के वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर हैं, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के 40 प्रतिशत से अधिक उद्यम बिजली के ग्रिड-रहित स्रोतों, जैसे डीजल पर निर्भर हैं। टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड बिजली का प्रतिस्पर्द्धी और शुद्ध स्रोत प्रदान करेगा, पहुँच बढ़ाएगा, बिजली की लागत कम करेगा, प्रतिवर्ष कार्बन उत्सर्जन को 1 मिलियन टन तक कम करेगा और हर साल जलने वाले 57 मिलियन डीजल की मात्रा घटाएगा। बीतते समय के साथ ग्रिड के संवादपरक समाधान स्थापित करने के मौके तलाशे जायेंगे और अधिक एकीकृत, स्थायी और स्मार्ट ग्रामीण ग्रिड का निर्माण होगा।
टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड का परिचालन और प्रबंधन भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत कंपनी टाटा पावर द्वारा किया जाएगा, जिसके पास लगभग 11000 मेगावाट की स्थापित उत्पादन क्षमता और दिल्ली, अजमेर तथा मुंबई में लगभग 2.6 मिलियन ग्राहक हैं। टाटा पावर को वितरित ऊर्जा में अच्छा अनुभव है, कंपनी ने झुग्गियों में रहने वाले कई लोगों समेत स्थानीय जनता की सेवा के लिये दिल्ली सरकार के साथ एक संयुक्त उपक्रम स्थापित किया है।
टाटा पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘‘हम एक बार में ही लाखों लोगों के लिये ऊर्जा की व्यवस्था कर गर्वान्वित हैं, टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड लगभग 100000 ग्रामीण उद्यमों को सहयोग देना चाहता है, जिससे 10000 नये रोजगार निर्मित होंगे और लगभग 400000 स्थानीय किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। हम सूक्ष्म उद्यमों और अवसरों का निर्माण कर भारत के लोगों को सशक्त बनाते रहेंगे।’’
टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड द्वारा 10000 ग्रिड शुरू किये जाने से वैश्विक माइक्रोग्रिड का विस्तार होगा और सरकारें तथा निजी क्षेत्र अन्य बाजारों में स्वच्छ, लोचशील और स्थायी ग्रिड बनाने के लिये मिलकर काम करने हेतु प्रेरित होंगे। एसपीआई को द रॉकफेलर फाउंडेशन ने वर्ष 2015 में लॉन्च किया था, यह उद्यमों को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा और इसने ऐसे माइक्रोग्रिड बनाये हैं, जो आज ग्रामीण भारत के 200 से अधिक गांवों को स्वच्छ, वितरित बिजली दे रहे हैं।
द रॉकफेलर फाउंडेशन के प्रेसिडेन्ट डॉ. राजीव जे. शाह ने कहा, ‘‘हम बिजली तक पहुँच देकर भारत के लाखों लोगों का जीवन बदल सकते हैं। जरूरतमंद समुदायों को विश्वसनीय बिजली देना गरीबी दूर करने और आर्थिक अवसर निर्मित करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है।’’
टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड भारत में माइक्रोग्रिड के निर्माण, स्वामित्व और परिचालन के अलावा समुदायों को लाभ पहुँचाने के लिये सहायक सूक्ष्म उद्यम सेवाएं भी प्रदान करना चाहता है।
टीपी रीन्यूवेबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड दुनिया की ऊर्जा सम्बंधी गरीबी को दूर करने के द रॉकफेलर फाउंडेशन के प्रयासों का विस्तार रहा है। सितंबर 2019 में द रॉकफेलर फाउंडेशन ने स्थायी बिजली समाधानों, निवेशों और भागीदारियों के त्वरित निरीक्षण के लिये ग्लोबल कमीशन टू एंड एनर्जी पॉवर्टी (जीसीईईपी) के लॉन्च की घोषणा भी की थी, जिन्हें अगले दशक में वैश्विक आधार पर स्थापित किया जाएगा।
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