मुंबई।
- वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में कर के बाद लाभ 193 करोड़ रुपए ( 78 प्रतिशत की वृद्धि पिछले वर्ष के मुकाबले) और वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों में लाभ 547 करोड़ रुपए (पिछले वर्ष के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक)
- वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही की आय 583 करोड़ रुपए (पिछले वर्ष के मुकाबले 2 प्रतिशत की कमी) और वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों की आय 1,790 करोड (पिछले वर्ष के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक)
31 दिसम्बर 2019 को समाप्त हो रही तिमाही और वित्तीय वर्ष 2020 के पहले नौ माह के लिए पूर्ण परिणाम इस प्रकार हैंः--
वित्तीय वर्ष 2020 में तीसरी तिमाही में कर के बाद लाभ 193 करोड़ रुपए जो पिछले वर्ष के मुकाबले 78 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों में लाभ 547 करोड़ रुपए हुआ जो पिछले वर्ष के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है।
वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही की कुल आय 583 करोड़ रुपए रही, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 2 प्रतिशत कम रही, वहीं वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों की आय 1790 करोड़ रुपए थी जो पिछले वर्ष के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक रही।
एनबीएफसी बिजनैस में लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 36,015 करोड रुपए, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक है।
आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन निर्मल जैन ने वित्तीय परिणामों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हालांकि आर्थिक वृद्धि और मैक्रो हैडलाइन नम्बरों में अभी कुछ सुधार होना है, लेकिन क्रेडिट की मांग और तरलता के मामले में अच्छे संकेत मिले हैं। इस तिमाही में आईआईएफएल फाइनेंस के प्रदर्शन ने सभी क्षेत्रों में सुधार दिखाया है। आईआईएफएल को कोर क्षेत्रों के तुलनात्मक रूप से बेहतर होने का लाभ भी मिला है। 31 दिसम्बर 2019 को समाप्त हुए तीसरी तिमाही के परिणामों ने क्रेडिट ग्रोथ और दीर्घावधि ऋण में बढ़ोतरी दिखाई है।‘‘
इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस के पास 31 दिसम्बर 2019 को 36,015 करोड़ रुपए के लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट है। वहीं कुल एयूएम में होम लोन 34 प्रतिशत, बिजनैस लोन 23 प्रतिशत, गोल्ड लोन 21 प्रतिशत और माइक्रोफाइनेंस 8 प्रतिशत था।
कम्पनी के पास तिमाही के अंत मंें 2,366 शाखाएं हैं जो पूरे देश में फैली हैं।
वित्तीय वर्ष 2020 के पहले नौ माह के लिए कम्पनी का आरओई1 16.3 प्रतिशत और आरओए 1 2.3 प्रतिशत था। पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले ऋण लागत औसतन 9 बीपीएस तक कम हुई है। वहीं पिछले वर्ष के मुकाबले देखा जाए तो 39 बीपीएस यानी 9.4 प्रतिशत तक बढ़ी है। नौ माह की अवधि के लिए नेट इंट्रेस्ट मार्जिन 8.2 प्रतिशत था।
हमारे 87 प्रतिशत ़़ऋण रिटेल प्रकृति के हैं और 44 प्रतिशत पीएसएल के अनुसार हैं। लोन बुक अभी 10,114 करोड़ रुपए की है यानी एयूएम की 28 प्रतिशत। इसमें आगे अभी और बढ़ने के अवसर हैं, क्योंकि हम रिटेल में ज्यादा काम करते हैं।
31 दिसम्बर 2019 को जीएनपीए 2.27 प्रतिशत और एनएनपीए 0.98 प्रतिशत पर था। आईएनडीएएस के तहत सम्भावित क्रेडिट लॉस को देखते हुए एनपीए का प्रावधान 95 प्रतिशत है। इसमे स्टेंडर्ड एसेट कवरेज शामिल है।
31 दिसम्बर 2019 को कुल सीएआर 21.4 प्रतिशत था, जिसमें टीयर 1 केपिटल 17.9 प्रतिशत थी, जबकि वैधानिक रूप से यह क्रमशः 15 व 10 प्रतिशत होनी चाहिए।
होम लोन
तिमाही के अंत में रिटेल होम लोन एसेट 12,354 करोड़ रुपए पर थी। इस श्रेणी में हमारा प्राथमिक फोकस किफायती और छोटे शहरों के हाउसिंग लोन पर रहा। करीब 34 हजार ग्राहकों को प्रधानमंत्री आवास योजना की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत 796 करोड़ रुपए की सब्सिडी से लाभान्वित किया गया।
गोल्ड लोन
31 दिसम्बर 2019 को गोल्ड लोन एयूएम 7,576 करोड़ रुपए तक बढ़ा। इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 41 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी हुई। गोल्ड लोन 25 राज्यों के 600 से ज्यादा शहरों में हमारी मौजूदगी के माध्यम से वेतनभोगी और स्वरोजगार करने वाले तथा एमएसएमई वर्ग के ग्राहकों कोे दिया जाता है।
माइक्रोफाइनेंस
माइक्रोफाइनेंस बिजनैस ने लगातार बढ़त दिखाई है। पिछले वर्ष के मुकाबले लोन एयूएम 70 प्रतिशत तक बढ़ा है और 31 दिसम्बर 2019 को यह 2,973 करोड़ रुपए था। एमएफआई ग्राहक 13 लाख तक बढ़ गए हैं।
क्रेडिट रेटिंग
कम्पनी ने क्रिसिल और केयर की ओर से दी जाने वाली क्रेडिट रेंिटंग को एए (स्टेबल) पर बनाए रखा है।
लिक्विडिटी की आरामदायक स्थिति
कम्पनी ने बैंको, विकास संस्थाओं और बीमा कम्पनियों आदि से टर्म लोन और एनसीडी के जरिए 2,721 करोड़ रूपए लिए हैं। 2,381 करोड़ के लोन सिक्योरिटाइज्ड किए गए। 960 करोड़ रुपए का शेष एनएचबी रीफाइनेंस करीब 2प्रतिशत कम दर पर फिर से मूल्यांकित किया गया। 31 दिसम्बर 2019 को बैंकों और संस्थानों की 3,058 करोड की कमिटेड क्रेडिट लाइन्स उपलब्ध थी।
इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस लिमिटेड के सीईओ सुमित बाली ने वित्तीय परिणामों के बारे में कहा, ‘‘हम कोर सम्पत्तियों को बढ़ाने की रणनीति के अनुसार प्रगति कर रहे हेैं। अर्थव्यवस्था में धीमी प्रगति के बावजूद एसेट क्वालिटी संतोषजनक बनी हुई है। हमनें तरलता के प्रवाह में सुधार देखा है और उम्मीद है यह ट्रेंड बना रहेगा।‘‘
2020 की तीसरी तिमाही में मिले पुरस्कार और सम्मान
आईआईएफएल फाइनेंस को इंस्टीटयूट ऑफ डायरेक्टर्स की ओर से सिंगापुर ग्लोबल कन्वेंशन ऑन बोर्ड लीडरशिप एंड रिस्क मैनेजमेंट में ‘गोल्डन पीकॉक अवार्ड फॉर रिस्क मैनेजमेंट- 2019‘ दिया गया।
इकोनोमिक टाइम्स ने हमारे चेयरमैन को शानदार नेतृत्व क्षमता के लिए ‘मोस्ट प्रोमेसिंग बिजनैस लीडर्स ऑफ एशिया‘ के रूप में सम्मानित किया।
आईआईएफएल फाइनेंस ने 2019 में इकोनोमिक टाइम्स ‘मोस्ट प्रोमेसिंग ब्रांड इन बीएफएसआई सेगमेंट‘ का खिताब भी हासिल किया।
आईआईएफएल फाइनेंस को 2019-2020 के लिए ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क‘ प्रमाण पत्र दिया गया।
आईआइएफएल फाइनेंस लीगल टीम को ‘द लीगल 500 जीसी पावरलिस्ट इंडिया टीम्स 2019‘ में शामिल किया गया।
आईआईएफएल फाउंडेशन को श्रेष्ठ सीएसआर इम्पेक्ट अवार्ड ‘वधोना नाला रिचार्ज महाराष्ट‘ª के लिए दिया गया। यह परियोजना वर्धा जिले के 10 गांवों के दस हजार लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
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