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Tuesday, January 28, 2020

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मैरिको निहार शांति आंवला का टैक्नोलॉजी को एकीकृत करने पर फोकस









 Nihar Shanti Amla celebrates International Education Day

मुंबई । निहार शांति आंवला भारत में कई राज्यों में सुविधाओं से वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के अपने मिशन को लगातार मजबूत कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर, निहार शांति आंवला गर्व के साथ इस तथ्य को रेखांकित करता है कि कंपनी इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर), वीडियो मीटिंग (स्काइप) और क्रॉस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म जैसी तकनीक का उपयोग करके भारत के बढ़ते टेलीफोनी और ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को पार करते हुए अपनी पहुंच को व्यापक बनाने में सक्षम हो गई है। इस तरह कंपनी ने सीखने के परिणामों को और बेहतर बनाने का प्रयास किया है और अपने रूरल आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से 3 लाख से अधिक बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डालने मंे कामयाबी हासिल की है।
टैक्नोलॉजी के सहज उपयोग ने ब्रांड को राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित देश के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को अधिक आसानी से और प्रभावी रूप से उपलब्ध कराने में मदद की है। कंपनी के आउटरीच कार्यक्रमों में सबसे हालिया महत्वपूर्ण कदम वह था, जब कंपनी ने राजस्थान सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत ब्रांड का उद्देश्य राजस्थान के दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षकों को शिक्षक-प्रशिक्षण अध्ययन सामग्री और शिक्षक-सहायता प्रणाली देने के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग करना है। कंपनी ने एनजीओ ‘लीप फॉर वर्ड‘ के साथ साझेदारी में एक ट्रांसलेशन एल्गोरिदम विकसित किया है, जो अंग्रेजी को किसी भी संस्कृत-आधारित भाषा में अनुवाद करने में सक्षम है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में प्रसार के माध्यम के रूप में व्हाट्सएप फॉर बिजनेस का उपयोग करते हुए अपने शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ब्रांड कई सरकारी स्कूलों के साथ काम कर रहा है।
आज जबकि टैक्नोलॉजी हमारे जीवन के साथ बहुत गहराई से जुड़ गई है और शहरी जीवन शैली को हर कदम पर संचालित कर रही है, फिर भी देश के बहुत सारे ऐसे दूरस्थ और ग्रामीण हिस्से हैं जो वस्तुतः डिजिटल क्रांति से अछूते हैं। निहार शांति आंवला के प्रौद्योगिकी-संचालित शिक्षा कार्यक्रम न केवल बच्चों को शिक्षित करने में मदद कर रहे हैं, वे प्रौद्योगिकी को अपनाने के जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक असर के बारे में भी जागरूकता फैला रहे हैं।
मैरिको लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर कोशी जॉर्ज ने कहा, ‘‘सामाजिक प्रगति के प्रति अपनी चाहत और प्रतिबद्धता के साथ, निहार शांति आंवला का हमेशा इस बात में यकीन रहा है कि शिक्षा विकास की मूल नींव है। प्रौद्योगिकी की मदद से, हम भौगोलिक विभाजन को पाटने और बच्चों के लिए ऐसी शिक्षा को सुलभ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण परिणाम हासिल हो सकें। इससे सुदूर गाँवों के स्कूलों को सीखने के बेहतर नतीजे हासिल करने में मदद मिल रही है, और हम इस बात को लेकर भी आशान्वित हैं कि तकनीक के इस प्रयोग से बच्चों, उनके माता-पिता और उनके आसपास के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।‘‘
निहार शांति आंवला पिछले 5 वर्षों से ‘निहार शांति पाठशाला फनवाला‘ नामक एक कार्यक्रम संचालित कर रहा है, जिसके माध्यम से बच्चे सरल तरीके से निशुल्क आईवीआर आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल के जरिये बोली जाने वाली अंग्रेजी सीख सकते हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से संबंधित समस्या का समाधान करने के लिए, ब्रांड अपने डिजिटल क्लासरूम कार्यक्रम के साथ इस कमी को पाटने की कोशिश कर रहा है। डिजिटल क्लासरूम कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में चल रहा है। ये कक्षाएं दूरस्थ स्वयंसेवकों के माध्यम से शिक्षण के लिए एक अनूठा तरीका अपनाती हैं, जो इन सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन जुड़ सकते हैं और बच्चों को पढ़ा सकते हैं।
   

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