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Thursday, March 19, 2020

जलवायु परिवर्तन से निपटने और लंबा जीवन के लिए शहरों की डिजाइन एवं नियोजन में महत्वपूर्ण घटक है जल-रिपोर्ट





Water day report




नयी दिल्ली, आगामी 22 मार्च को विश्व जल दिवस के मौके पर वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी)भारत की ऐसी पहली और एकमात्र युनिवर्सिटी है जो रचनात्मक क्षेत्र में शिक्षा के लिए समर्पित है,ने श्सिटीज़ विथ दि बेस्ट वाटर डिजाइनश् पर एक रिपोर्ट जारी की है। इनमें छांटे गए नगरों ने व्यापक स्तर पर जल संकट को दूर करने के लिए अनूठी प्रक्रियाओं में डिजाइन को एक रणनीतिक घटक के तौर पर अपनाया है। ये उन सबसे अधिक दिलचस्प नगरीय परियोजनाओं में से एक हैं जो जलापूर्ति का प्रबंधन, संरक्षण और रक्षा करती हैं। यह संकट के समय एक आरामदायक शहरी जीवन के तरीके को डिजाइन करने का एक सफल प्रयास है।
वर्ष 2025 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी जल संकट का सामना कर सकती है और वर्ष 2030 तक जलापूर्ति 40 प्रतिशत तक घट सकती है जैसा कि भारत के विभिन्न शहरों में पहले ही यह स्थिति बन चुकी है। ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक भारत में 75 प्रतिशत आबादी शहरों में रह रही होगी। इसलिए महानगरों में जल की समस्या हल करना महत्वपूर्ण मुद्दा है।
वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ एक वैश्विक युनिवर्सिटी है जो भारत में डिजाइन पाठ्यक्रमों के सबसे बड़े पोर्टफोलियो की पेशकश कर रही है जिसमें परिवहन डिजाइन, उत्पाद डिजाइन, गेम डिजाइन, फिल्म एवं वीडियो, डिजिटल ड्राइंग व इलस्ट्रेशन, बिल्ट एन्वायर्नमेंट एवं हैबिटेट स्टडीज, डिजाइन मैनेजमेंट, आर्ट एजुकेशन व क्यूरेटोरियल प्रैक्टिस पर आधारित 30 से अधिक अत्याधुनिक कार्यक्रम शामिल हैं। डब्ल्यूयूडी एरामस प्लस अनुदान प्राप्त करने वाली सबसे युवा युनिवर्सिटी है जिससे विद्यार्थियों के लिए यूरोपीय संघ के देशों में अध्ययन का मार्ग प्रशस्त होगा और उन्हें वहां बढि़या अनुभव प्राप्त होगा। यह कला, डिजाइन एवं मीडिया की युनिवर्सिटीज एवं कॉलेजों के अंतरराष्ट्रीय संघ क्यूमलस का भी सदस्य है। इस संघ के 60 देशों में 160 से अधिक सदस्य हैं।
वर्ल्ड युनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर की डीन शालीन शर्मा के मुताबिक, जैसा कि हम 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने जा रहे हैं, शहरी नियोजन में हमारे जल संसाधनों के प्रबंधन और उनकी प्रभावी डिजाइनिंग के महत्व को लेकर यह गंभीरतापूर्वक आत्मनिरीक्षण करने का समय है। स्मार्ट शहर आज के समय की जरूरत हैं। स्मार्ट शहरों की डिजाइनिंग के समय जल संवेदनशील शहरी नियोजन से हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के साथ ही जीवनकाल बढ़ाने और स्मार्ट शहरों का सौंदर्य बढ़ाने में मदद मिलेगी।



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