जयपुर। हल्दी वायदा मई के 5350 रुपये के स्तर पर समर्थन लेने की संभावना है और बाद में इसका वायदा 5800 से 6000 रुपये का स्तर छू सकता है। पिछले सप्ताह इरोड के दो स्पॉट मार्केट में कारोबार शुरू हुआ था जबकि अन्य बाजार बंद थे। हालांकि हल्दी की बिक्री के प्रमुख केंद्र निजामाबाद, वारंगल और सांगली में कारोबार शुरू नहीं हुआ है। यह देखा गया है कि कुछ सीमित मात्रा में ही कुछ किसान अपना माल मंडियों में ला रहे हैं। मंडियों में मध्यम और कमजोर क्वालिटी की पुरानी हल्दी ही उपलब्ध है। इरोड टरमरिक मर्चेंट एसोसिएशन के सेल्स यार्ड में कारोबारियों ने हल्दी का नमूना देखने के बाद कुछ मात्रा में हल्दी खरीद के लिए इंटरेस्ट दिखाया है। मंडियों में अभी बिना बिका हुआ माल पड़ा है। जानकारों का मानना है कि आने वाले कुछ दिनों में मंडियों में हल्दी की आवक बढ़ेगी और कारोबारियों को हल्दी खरीदने का मौका मिलेगा।
इलायची वायदा में गिरावट जारी रह सकती है और आने वाले सप्ताह में इसके भाव 1500 से 1600 रुपए के स्तर छू सकते हैं। केरल के अंदर इलाइची उगाने वाले किसान अभी कमजोर परिस्थितियों से गुजर रहे हैं क्योंकि इलायची की मांग बिल्कुल कमजोर पड़ गई है। बॉडीनायक्कनूर को कोरोनावायरस का हॉटस्पॉट घोषित किया गया है और इसके चलते इलायची की बोली लगाने वाले व्यापारियों के लिए नीलामी नहीं हो रही। गौरतलब है कि इलायची की कीमतें नीलामी में ही निर्धारित होती है और जब तक नीलामी फिर से शुरू नहीं होती तब तक इलायची में अनिश्चितता का माहौल रहेगा।
धनिया का मई वायदा 5400 से 5950 रुपया के बीच कंसोलिडेशन करेगा। रामगंज मंडी में धनिया की आपूर्ति शुरू हो गई है। लेकिन बड़े ग्राहकों की ओर से देशभर में ट्रांसपोर्टेशन की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण मांग कम की जा रही है। ट्रांसपोर्टेशन पूर्ण रूप से सुचारू होने के बाद ही धनिया की खरीद लौटेगी।
जीरा वायदा को 14450 के आसपास रेजिस्टेंस मिलेगा और अभी जीरा वायदा में ऊंचे स्तर आने की संभावना कम नजर आ रही है। जानकारों के मुताबिक लॉक डाउन के चलते जीरा निर्यात की स्थिति कमजोर है और घरेलू बाजार में भी मांग कमजोर बनी हुई है।
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