सोयाबीन, सरसों, सोयाबीन ऑयल व सीपीओ की फंडामेंटल रिपोर्ट - Karobar Today

Breaking News

Home Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, May 20, 2020

सोयाबीन, सरसों, सोयाबीन ऑयल व सीपीओ की फंडामेंटल रिपोर्ट



Soybean, mustard, Soya oil and CPO fundamental report



जयपुर। सोयाबीन के जून वायदा की 3750 से 3900 रुपये के मध्य कारोबार करने की संभावना है और कीमतों में बढ़त की अधिक गुंजाईश नहीं है। इसका कारण यह है कि इस खरीफ सीजन में अगले महीने से सोयाबीन की खेती की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सितम्बर के अंत तक कैरीओवर स्टॉक का अनुमान बढ़ाकर 13.26 लाख टन कर दिया है। कई क्षेत्रों में बाजार नहीं खुले हैं लेकिन बाजार की उम्मीद के अनुसार लॉकडाउन हटने के बाद परिचालन फिर से शुरू होगा और किसानों के अपने स्टॉक के साथ बाजार में आने की संभावना है, जो किसानों के पास 1 मई तक लगभग 4 मिलियन टन था। यह अगले 5 महिनों के लिए काफी है। यदि निर्यात नहीं होता है तो हमारे पास अगले सीजन के लिए कॉफी अच्छा कैरी ओवर स्टॉक रह सकता है। सरसों वायदा जून की कीमतें 4220 से 4300 के दायरे में रहने की संभावना है।


हाजिर बाजारों में रुझानों में कमी के कारण सरसों के भाव सीमित दायरे में बने रह सकते हैं। मांग में कमी के कारण कीमतों में तेजी रुकी रह सकती है। भारतीय सरसों तेल उत्पादक संघ के अनुसार अपै्रल में भारत में सरसों मिलों द्वारा पेराई पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 28 फीसदी कम होकर 6.50 लाख टन हुई है। इस महीने के अंत तक लॉकडाउन रहने के कारण पेराई कम रहने का अनुमान है। सोया तेल जून वायदा की कीमतें तेजी के रूझान के साथ 770 से 785 रुपये के स्तर पर कारोबार कर सकती हैं। जबकि सीपीओ का जून वायदा की कीमतें 597 से 605 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना अधिक है। भारत ने कूटनीतिक विवाद के चार महीने बाद मलेशिया से फिर से पॉम ऑयल की खरीद शुरू की है। भारत के प्रमुख आयातक मलेशिया से 2 लाख टन कच्चे पाम ऑयल का आयात करने के लिए सहमत हो गये हैं। मलेशिया का पॉम आयत इंडोनेशिया की तुलना में 15 डॉलर के डिस्काउंट पर मिल रहा है।  

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad