जयपुर। देश के पश्चिमी भाग में अवस्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में चालू वर्ष के दौरान 29 जुलाई 2020 तक खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 122.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 106.33 लाख हेक्टेयर से काफी अधिक तथा नियत बिजाई लक्ष्य 163.00 लाख हेक्टेयर का 75.2 प्रतिशत है। इस बार वहां खरीफ फसलों का सामान्य औसत क्षेत्रफल 162.91 लाख हेक्टेयर आंका गया है जबकि पिछले साल पूरे खरीफ सीजन का कुल उत्पादन क्षेत्र 162.17 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान राजस्थान में धान का उत्पादन क्षेत्र 1.49 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.97 लाख हेक्टेयर, बाजरा का क्षेत्रफल 27.86 लाख हेक्टेयर से उछलकर 35.04 लाख हेक्टेयर तथा मक्का का रकबा 8.58 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 9.01 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। इस तरह अनाजी फसलों का कुल क्षेत्रफल 42.51 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 50.96 लाख हेक्टेयर हो गया है।
दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र भी 22.78 लाख हेक्टेयर से उछलकर 26.01 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। इसके तहत मूंग का बिजाई क्षेत्र 12.38 लाख हेक्टेयर से उछलकर 17.80 लाख हेक्टेयर तथा चौला का रकबा 61 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 66 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया जबकि दूसरी ओर मोठ का रकबा 5.22 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.22 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का बिजाई क्षेत्र 4.46 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 3.18 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है। अरहर की बिजाई भी कम हुई है।
तिलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 17.52 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 19.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। इसके तहत तिल का उत्पादन क्षेत्र 1.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.10 लाख हेक्टेयर, मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 5.23 लाख हेक्टेयर से उछलकर 7.06 लाख हेक्टेयर तथा अरंडी का क्षेत्रफल 11 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 20 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया जबकि सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 10.42 लाख हेक्टेयर से कुछ घटकर 10.22 लाख हेक्टेयर अपर सिमट गया।
इसके अलावा राजस्थान में कपास का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 6.42 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 6.74 लाख हेक्टेयर तथा ग्वार का बिजाई क्षेत्र 13.70 लाख हेक्टेयर से उछलकर 15.54 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। वहां खरीफ फसलों की बिजाई अभी जारी है।
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