जयपुर। पिछले तीन से चार महीनों में हल्दी का वायदा 5300 से 5900 के बीच कंसोलिडेट कर रहा है और अब इसने लोअर लो और हाईअर हाई फॉरमेशन बनाना शुरू कर दिया है, जिससे संकेत मिल रहा है कि हल्दी ने बॉटम बना लिया है और अब यह भी धनिया और जीरा से संकेत लेते हुए बॉटम आउट की तैयारी कर रहा है। हालांकि हल्दी वायदा को 5900 से 6000 रुपयों के बीच रजिस्टेंस देखने को मिल सकता है लेकिन एक बार हल्दी के वायदा ने इस बाधा को पार किया तो इसमें 6500 से 6800 रुपए तक तेजी दर्ज की जा सकती है।
इरोड मार्केट में कारोबारियों को मसाला निर्माताओं और ग्राइंडिंग यूनिट से हल्दी की मांग प्राप्त हो रही है। रेगुलेटेड मार्केटिंग कमेटी और इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में हल्दी की बिक्री बहुत ही उत्साहजनक रही और वहां शत-प्रतिशत बिक्री दर्ज की गई। पिछले कुछ दिनों से इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी में खरीदारों ने लगभग सभी हल्दी की खरीद की है। इरोड मार्केटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी में फिंगर क्वालिटी की हल्दी 5311 से 6300 रुपए प्रति क्विंटल और रूट क्वालिटी हल्दी की कीमतें 5211 से 5769 रुपए प्रति क्विंटल के दायरे में दर्ज की गई।
ऐसे में कारोबारियों को हल्दी वायदा में 6000 के स्तर टूटने का इंतजार करना चाहिए या फिर कुछ गिरावट पर खरीद करनी चाहिए। इसके लिए 5400 रुपया के नीचे स्टॉप लॉस लगाना चाहिए।
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