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Tuesday, August 11, 2020

त्यौहारी सीजन में चीनी की कीमतों में आगे 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान




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नई दिल्ली । त्यौहारी सीजन के कारण मांग बढ़ने से चीनी की कीमतों में आगे 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। चालू सीजन में तो उत्पादन ज्यादा हुआ ही है, पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले आगामी पेराई सीजन में भी उत्पादन अनुमान ज्यादा है, इसलिए बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।

दिल्ली में सोमवार को चीनी के भाव 3,500 से 3,550 रुपये प्रति क्विंटल रहे, जबकि उत्तर प्रदेश में एक्स फैक्ट्री भाव 3,200 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। महाराष्ट्र में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3150-3200 रुपये प्रति क्विटल चल रहे हैं। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य(एमएसपी) में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी होकर भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा, इसलिए आगे चीनी की कीमतों में तेजी मानकर ही व्यापार करना चाहिए।
विश्व बाजार में भी चीनी की कीमतों में तेजी आई है और इसका भाव करीब 5 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। आईसीई पर रॉ-शुगर चीनी का भाव 13 सेंट प्रति पाउंड के स्तर पर पहुंच गया है। वहीं एलआईएफएफई पर व्हाईट शुगर का दाम 372 डॉलर प्रति टन के पार है। जानकारों के अनुसार अक्टूबर से शुरू होने वाले नए चीनी वर्ष 2020-21 में करीब 13 लाख टन चीनी की कमी आने की आशंका है। इससे पहले जून में करीब पांच लाख टन चीनी की कमी की आशंका जताई गई थी। इसलिए भारत से निर्यात के लिए अच्छे पड़ते लगने की उम्मीद बंधी है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में करीब 50 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके है, जिनमें से जून तक करीब 48 लाख टन की शिपमेंट भी हो चुकी थी।
कोरोना वायरस के कारण चीनी की खपत गर्मी के सीजन में सामान्य से कम रही, जबकि देश में चीनी की कुल खपत में 60 फीसदी हिस्सेदारी बड़ी खपत कंपनियों की होती है। कोरोना वायरस के कारण कोल्ड ड्रिंक और कॉन्फेक्शनरी की डिमांड बेहद कम रही, तथा इस समय भी सामाजिक समारोह, ब्याह-शादियों के साथ ही होटल और रेस्त्रां खुले होने के बावजूद भी मांग कमजोर है। जिस तरह से देश में कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अभी चीनी की मांग में बड़े सुधार की उम्मीद नहीं है। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी के अवसर पर भी चीनी में अपेक्षित डिमांड नहीं निकल निकली।
चालू पेराई सीन 2019-20 में देश में 273 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है, जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 245 से 250 लाख टन की ही होती है। गन्ने के बुआई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और बकाया स्टॉक के कारण अगले पेराई सीजन में भी चीनी की कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार आगामी पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 300 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। हालांकि जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार चीनी मिलों को राहत देने के लिए आगामी पेराई सीजन के लिए 60 से 70 लाख टन चीनी के निर्यात पर चीनी मिलों को सब्सिडी देने की घोषणा जल्द कर सकती है। चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी के निर्यात पर चीनी मिलों को 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दी जा रही है।

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