जयपुर। सितंबर का हल्दी वायदा 5770 से 5870 रुपये के दायरे में मजबूत रहने की संभावना है। एक इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में हल्दी की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। वहीं पश्चिमी देशों में लॉकडाउन में छूट मिलने से हल्दी का निर्यात मांग बढ़ी है। इसलिए हल्दी निर्यात के मोर्चे पर भी अच्छा कारोबार कर रही है। कारोबारियों के अनुसार सितंबर के पहले सप्ताह से हल्दी का दूसरा सीजन शुरू हो जाता है इसलिए इसकी कीमतों को आगे बल मिल सकता है। वर्तमान में वारंगल, सांगली और निजामाबाद के बाजार बंद हैं और व्यापारी अपनी मांग पूर्ति करने के लिए सीधे उत्पादकों से हल्दी खरीद रहे हैं। इरोड मर्चेंट एसोसिएशन के सेल्स यार्ड में फिंगर वैरायटी की हल्दी 4858-6355 रुपए प्रति क्विंटल और रूट वैरायटी के हल्दी 4320 से 5458 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेची गई। सितंबर का जीरा वायदा 14200 से 14350 रुपए के दायरे में कारोबार कर सकता है। चीन के साथ यूएई और वियतनाम में भी भारतीय जीरे की मांग में इजाफा दर्ज किया गया है। इसके अलावा यूरोप में भी भारतीय जीरे की बिक्री बढ़ने की संभावना है। उधर सीरिया में जीरे के उत्पादन में 25 से 30% की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा आने वाले सप्ताह में भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका को जीरे का निर्यात होने की संभावना से भी जीरे की कीमतों को बल मिलेगा। धनिया वायदा की कीमतें 6750 से 6800 रुपए और आगे तेजी का रास्ता बना रही है। वर्तमान में धनिया की आवक मंडियों में काफी कम रह गई है और खरीददार अच्छी गुणवत्ता का धनिया प्राप्त करने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं। इससे लगता है कि आने वाले दिनों में धनिया की कीमतों को बल मिलता रहेगा।
No comments:
Post a Comment