जयपुर : राजस्थान सरकार ने साल 2022-23 और साल 2023-24 के लिए नई एक्साइज पॉलिसी की घोषणा कर अनेक रियायतें दी हैं। राज्य में सभी तरह के एक्साईज़ उत्पादों पर से कोविड सरचार्ज को समाप्त कर दिया गया है, जिससे राजस्थान में बीयर की कीमतें कम हो गई हैं। इसमें बीयर, देशी शराब और राजस्थान में निर्मित शराब का एक्स-डिस्टिलरी मूल्य और एक्स-ब्रेवरी मूल्य (ईबीपी) शामिल है। ईबीपी में काफी बढ़ोत्तरी और बॉटलिंग शुल्क में कमी हुई है।
राजस्थान सरकार ने पहली बार माईल्ड एवं स्ट्राँग बीयर के लिए अलग-अलग ड्यूटी स्लैब प्रस्तुत किए हैं, जिससे उपभोक्ता के लिए मूल्य कम हो गए हैं। इससे राज्य में संयमपूर्ण मदिरापान को बढ़ावा मिलेगा। आजकल भारत में उपभोक्ता ज्यादा बुद्धिमान निर्णय लेते हैं क्योंकि देश के नागरिक सेहतमंद तरीके से और संयमपूर्ण मदिरापान की ओर बढ़ रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक 25 से 34 साल के 40 प्रतिशत से ज्यादा उत्तरदाताओं का रूझान मदिरा के कम या नो-अल्कोहल वैरियंट्स की ओर बढ़ने पर रहा।
नई नीति के बारे में ऋषि चावला, वाईस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट अफ़ेयर्स, कार्ल्सबर्ग, इंडिया ने कहा, ‘‘राजस्थान सरकार द्वारा घोषित की गई नई एक्साईज़ नीति काफी प्रगतिशील है। सरकार इस उद्योग पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव को समझ चुकी है। यह नई प्रोत्साहन योजना लागू होने के साथ, शराब बनाने वाली कंपनियां अधिकतम क्षमता का उपयोग करने का प्रयास करेंगी, जिससे सहायक इकाईयों के संपूर्ण आर्थिक परिवेश, जैसे कच्चा माल प्रदाताओं, पैकेजिंग सामग्री प्रदाताओं, ट्रांसपोर्टर्स, एवं होटल उद्योग को मदद मिलेगी, और राज्य में पर्यटन तथा बढ़ती युवा आबादी के लिए नई नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे। एक दृष्टि से यह निर्माताओं, उपभोक्ताओं और सरकारी खजाने, सभी के लिए फायदेमंद होगा।’’
राज्य सरकार 1 अप्रैल, 2022 से क्यूआर कोडेड बीयर बोतलों के लिए एक ट्रैक एवं ट्रेस सिस्टम भी लागू करना चाहती है। राज्य में शराब की संपूर्ण आपूर्ति के लिए क्यूआर कोड-आधारित ट्रैक एवं ट्रेस सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए सरकार एंड-टू-एंड समाधान तलाश रही है। एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन लाने पर विचार किया जा रहा है, जो शराब की बोतलों पर लगे क्यूआर कोड्स को पहचानकर पूरी सप्लाई चेन में शराब को ट्रैक व ट्रेस कर सके।
एआईबीए (ऑल इंडिया ब्रुअर एसोसिएशन) के डायरेक्टर जनरल, शोभन रॉय ने कहा, ‘‘यह राजस्थान सरकार द्वारा लाई गई एक बेहतरीन नीति है, जिसमें इसे आकार देने के लिए उदार कदम उठाए गए हैं। हालांकि, हमारा मानना है कि, कुछ समय के लिए, बीयर उद्योग को ट्रैक एवं ट्रेस के क्रियान्वयन से छूट मिलनी चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बीयर के मामले में, निवेश की जरूरत होती है और चूंकि बीयर चिल्ड सर्व की जाती है, इसलिए नमी स्कैनर्स के ठीक से काम करने को प्रभावित करती है। इसलिए उद्योग के समक्ष आने वाली अनेक तकनीकी चुनौतियों और नए सिस्टम के लागू होने से बीयर के पीक सीज़न के दौरान उत्पादन की एफ़िशियंसी पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए बीयर पर इस प्रस्ताव को स्थगित किया जा सकता है। बेशक, कुछ अन्य मामले भी हैं, और मुझे विश्वास है कि यह विभाग आने वाले समय में उन्हें भी संबोधित करेगा। यह उद्योग शुरुआत एवं परामर्श लेने वाले दृष्टिकोण को अपनाए जाने से काफी खुश है।’
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