नई दिल्ली। सरकार ने बैंकों की हालत में सुधार के लिए विलय का रास्ता अपनाया है और इसके तहत सरकार ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के विलय का फैसला किया है। इस संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे बैंकों की स्थिति मजबूत होगी तथा उनकी कर्जा प्रदान करने की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा बैंकों की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों में निवेश प्रभावित हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों की इस स्थिति का कारण अत्यधिक कर्ज तथा एनपीए में वृद्धि होना है।
उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली इकाई बैंकिंग गतिविधियां बढ़ाएंगी और तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे। ‘इस विलय से परिचालन दक्षता और ग्राहकों की मिलने वाली सेवा बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तितव में आने वाला बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा पैमाने की मितव्ययिता के साथ मजबूत प्रतिस्पर्धी होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितों का संरक्षण किया जाएगा। कुमार ने कहा कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूंजी आवष्यकता को पूरा किया जाएगा। वहीं तीनों बैंक विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे।
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