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Wednesday, September 26, 2018

आवश्‍यकता से अधिक चीनी उत्‍पादन से निपटने के लिए विस्‍तृत नीति मंजूर


Cabinet approves comprehensive policy to deal with excess sugar production in the country news in hindi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडलीय आर्थिक समिति ने आगामी चीनी सीजन 2018-19 में अधिक चीनी उत्‍पादन की संभावना को देखते हुए लागत संतुलन बनाकर चीनी क्षेत्र को समर्थन देने के लिए 5500 करोड़ रूपये की कुल सहायता की स्‍वीकृति दी है। इस स्‍वीकृति से देश से चीनी के निर्यात को प्रोत्‍साहन मिलेगा और चीनी उद्योग को किसानों की बकाया गन्‍ना राशि का भुगतान करने में मदद मिलेगी। बकाया स्‍टॉक अधिक होने के कारण तथा चीनी सीजन 2018-19 में अधिक उत्‍पादन की संभावना को देखते हुए इस सीजन में भी चीनी मिलों के लिए तरलता की समस्‍या बनी रहेगी। इसके परिणामस्‍वरूप किसानों के बकाया गन्‍ना मूल्‍यों मे अप्रत्‍याशित रूप से उच्‍च वृद्धि होगी।     
 चीनी सत्र 2018-19 में निर्यात बढ़ाने के लिए आंतरिक परिवहन, ढुलाई, हैंडलिंग तथा अन्‍य शुल्‍कों पर आय का खर्च वहन करके चीनी मिलों को सहायता प्रदान की जाएगी। इसके तहत बंदरगाह से 100 किलोमीटर के अंदर स्‍थापित मिलों के लिए 1000/एमटी रूपये, तटीय राज्‍यों में बंदरगाह से 100 किलोमीटर आगे स्‍थापित मिलों के लिए 2500/एमटी रूपये तथा तटवर्तीय राज्‍यों के अलावा दूसरी जगहों की मिलों के लिए 3000/एमटी की दर या वास्‍तविक खर्च आधार पर खर्च वहन किया जाएगा। इस पर लगभग कुल 1375 करोड़ रूपये का खर्च आएगा और इसका वहन सरकार करेगी। किसानों की बकाया गन्‍ना राशि चुकाने में चीनी मिलों की सहायता के लिए सरकार ने चीनी मिलों को चीनी सत्र 2018-19 में 13.88 रूपये प्रति क्विंटल पेरे हुए गन्‍ने की दर से वित्‍तीय सहायता दी का निर्णय लिया है, ताकि गन्‍ने की लागत का समायोजन हो सके। यह सहायता केवल उन मिलों की दी जाएगी जो खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी करती हैं। इस पर कुल 4163 करोड़ रूपये का खर्च आएगा और सरकार इसका वहन करेगी। 
किसानों के गन्‍ने की बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए दोनों प्रकार की सहायता राशि चीनी मिलों की ओर से सीधे किसानों के खातों में भेज दी जाएगी। एफआरपी के लिए चीनी मिलें किसानों के खेतों में यह राशि देय बकाया राशि के रूप में देंगी इसमें पहले के वर्षों की बकाया राशि और बाद की शेष राशि, यदि कोई हो तो, मिलों के खातों में भेजी जाएगी। यह सहायता उन्‍हीं मिलों को दी जाएगी जो सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता शर्ते पूरी करेंगे।   बाजार की मंदी और चीनी मे गिरावट के कारण चीनी सत्र 2017-18 में चीनी मिलों की तरलता की स्थिति प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई। इससे गन्‍ना किसानों की बकाया राशि बढ़ती गई और मई 2018 के अंतिम सप्‍ताह  में बकाया राशि 23,232 करोड़ रूपये के चिंताजनक स्‍तर पर पहुंच गई।

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