मुंबई। बीएसई ने दुबई मर्केंटाइल एक्सचेंज (डीएमई) के साथ करार किया है ताकि भारत में कॉमोडिटी मार्केट का विकास किया जा सके। डीएमई मध्य पूर्व के अग्रणी अंतरराष्ट्रीय एनर्जी फ्यूचर्स और कमोडिटी एक्सचेंज है। एनर्जी फोकस कमोडिटीज एक्सचेंज के साथ एक रणनीतिक समझौता देश के एनर्जी सेक्टर के विशाल विकास के लिए एक समृद्ध कमोडिटी मार्केट प्रदान करेगा। बीएसई ने 1 अक्टूबर से कमोडिटी डेरिवेटिव्स का कारोबार शुरू किया है, इसलिए यह समझौता बीएसई के कमोडिटी डेरिवेटिव्स बिजनेस को बढ़ावा देगा। डीएमई में ओएमईएन क्रूड ऑइल फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (डीएमई ओमान) मुख्य सूचीबद्ध कान्ट्रेक्ट है, जो मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए क्रूड ऑइल का एक निष्पक्ष और पारदर्शी बेंचमार्क प्रदान करता है। डीएमई ओमान ओमान और दुबई क्रूड ऑइल के लिए विशिष्ट और एकमात्र बेंचमार्क हैं। यह सहयोग भारतीय कंपनियों को बीएसई के कमोडिटीज डेरिवेटिव सेगमेंट में अपने जोखिम को हेज करने में मदद करेगा।
इस अवसर पर, बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशिष कुमार चौहान ने कहा, बीएसई में हमने हमेशा नए व्यवसाय के अवसरों को खोजा और सृजन किया है जो देश के विकास में योगदान देता हैं। हमारा मानना है कि समान उद्देश्य यात्रा में पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध विकसित करना महत्वपूर्ण है। कमोडिटी डेरिवेटिव्स मार्केट के विकास के मूल लक्ष्य के साथ, हमें डीएमई के साथ समझौता करने में खुशी है। यह सहयोग सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगा।
इस अवसर पर, डीएमई के प्रमुख, रिइड अल-सालमी ने समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत, सभी उद्योगों को एक जबरदस्त अवसर प्रदान कर रहा है, विशेष रूप से एनर्जी सेक्टर में। एनर्जी इमपोर्ट्स की बढ़ती जरूरतों के कारण, वैश्विक एनर्जी कंपनियों के लिए मुख्य बाजार बनाया गया है और बीएसई के साथ हमारे सहयोग के साथ, हम देश के तेजी से बढ़ रहे एनर्जी सेक्टर से लाभ प्राप्त कर पाएंगे। ऊर्जा फ्युचर्स और कमोडिटी ट्रेडिंग में हमारी विशेषज्ञता के माध्यम से, बीएसई अपने कमोडिटी डेरिवेटिव के नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म विकसित करने और स्थानीय डेरिवेटिव बाजार की मांग को बेहतर ढंग से पूरा करने में सक्षम होगा।
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