जयपुर। देश के मध्य, दक्षिण और उत्तर भारत में चने की कीमतों में सुधार दर्ज किया जा रहा है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि आगे चने की कीमतें मजबूत बनी रहेगी। जानकारों के अनुसार इस वर्ष चने की बुवाई का रकबा अपेक्षाकृत कम है और इससे आने वाले दिनों में चने की कीमतों को बल मिलेगा। दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में अगर नियमित रूप से तापमान में वृद्धि रही तो आने वाले दिनों में चने की बुवाई प्रभावित हो सकती है। इससे प्रत्यक्ष रूप से चने का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। चने पर 70%आयात शुल्क और वैश्विक बाजार में स्टॉक कम होने के कारण चने का आयात बेपड़ता लग रहा है। वहीं किसान और स्टॉकिस्ट वर्तमान भाव पर चने की बिक्री करने में कम इच्छुक हैं। कुल मिलाकर चने में मजबूती की धारणा ही है और आने वाले समय में इसके भाव₹4500 प्रति क्विंटल होने की पूरी पूरी संभावना है। एनसीडीईएक्स पर भी चना वायदा को₹3900 के आसपास समर्थन मिला है और आगे के वायदा भी मजबूती से कारोबार कर रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार ने चना उत्पादकों को राहत देने के लिए इसका समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है वहीं आने वाले समय में त्यौहार और शादियों के सीजन में बेसन की मांग बढ़ने से भी चने की कीमतों को बल मिलेगा।
जयपुर। देश के मध्य, दक्षिण और उत्तर भारत में चने की कीमतों में सुधार दर्ज किया जा रहा है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि आगे चने की कीमतें मजबूत बनी रहेगी। जानकारों के अनुसार इस वर्ष चने की बुवाई का रकबा अपेक्षाकृत कम है और इससे आने वाले दिनों में चने की कीमतों को बल मिलेगा। दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में अगर नियमित रूप से तापमान में वृद्धि रही तो आने वाले दिनों में चने की बुवाई प्रभावित हो सकती है। इससे प्रत्यक्ष रूप से चने का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। चने पर 70%आयात शुल्क और वैश्विक बाजार में स्टॉक कम होने के कारण चने का आयात बेपड़ता लग रहा है। वहीं किसान और स्टॉकिस्ट वर्तमान भाव पर चने की बिक्री करने में कम इच्छुक हैं। कुल मिलाकर चने में मजबूती की धारणा ही है और आने वाले समय में इसके भाव₹4500 प्रति क्विंटल होने की पूरी पूरी संभावना है। एनसीडीईएक्स पर भी चना वायदा को₹3900 के आसपास समर्थन मिला है और आगे के वायदा भी मजबूती से कारोबार कर रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार ने चना उत्पादकों को राहत देने के लिए इसका समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है वहीं आने वाले समय में त्यौहार और शादियों के सीजन में बेसन की मांग बढ़ने से भी चने की कीमतों को बल मिलेगा।
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