नई दिल्ली। इस बार तिलहन और दलहन की खरीद लक्ष्य से करीब 11 फीसदी ही हो सकी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) ने चालू मार्केटिंग सीजन में 33 लाख टन तिलहन और दलहन का खरीद लक्ष्य रखा है। लेकिन अब तक खरीद सिर्फ 3.75 लाख टन हो पाई है। ये एजेंसियां प्रधानमंत्री अन्नादाता संरक्षण अभियान (पीएम आशा) के तहत एमएसपी पर दालों और तिलहन की खरीद कर रही हैं। निजी कंपनियों ने उड़द और सोयाबीन की खरीद शुरू कर दी है। इससे भाव एमएसपी के करीब आ रहे है। निजी कंपनियां 5,400-5,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से उड़द की खरीदारी कर रही हैं, जबकि इसका एमएसपी 5,600 रुपये प्रति क्विंटल है। सोयाबीन का मंडियों में भाव 3,399 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी के मुकाबले 4,000 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहा है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, नैफेड और एफसीआई ने केवल मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में खरीद शुरू कर दी .। कर्नाटक में, एफसीआई जल्द ही अरहर / मटर की खरीद शुरू कर देगी। अधिकारियों ने बताया कि कुल खरीद में 70 फीसदी नैफेड और शेष एफसीआई द्वारा की जाएगी।
निगम ने अभी तक केवल 6,000 टन दालों की खरीद की है, जबकि इस साल 2.9 लाख टन खरीद का लक्ष्य है।
एफसीआई ने 195 लाख टन चावल खरीदा है, जो 2018-19 खरीफ विपणन सत्र के बराबर है। इस साल उसने 370 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अधिकारियों ने कहा कि खरीद जनवरी 2019 तक जारी रहने की उम्मीद है। सरकार ने इस खरीफ सीजन में 92.2 लाख टन दलहन और 222 लाख टन तिलहन के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
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